‘आर्थिक नीति पर सवाल के लिए उच्च न्यायालयों के रिट क्षेत्राधिकार का उपयोग नहीं कर सकते’
'आर्थिक नीति पर सवाल के लिए उच्च न्यायालयों के रिट क्षेत्राधिकार का उपयोग नहीं कर सकते'
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उच्च न्यायालय के रिट क्षेत्राधिकार का उपयोग जनहित में सरकार या उसके अधिकारियों की तरफ से प्रस्तावित आर्थिक नीति एवं सुधारों पर सवाल उठाने के लिए नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका के माध्यम से न्यायिक हस्तक्षेप तभी किया जा सकता है, जब सरकार की ओर से संवैधानिक दायित्वों की अनदेखी के कारण जनता को हानि हो रही हो।
न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के उन आदेशों को रद्द कर दिया, जिनमें अकोला नगर निगम द्वारा 16 साल बाद अपने क्षेत्राधिकार में संपत्ति कर बढ़ाने के आदेश को खारिज कर दिया गया था।
पीठ ने कहा, ”जनहित याचिका के माध्यम से न्यायिक हस्तक्षेप तभी हो सकता है, जब सरकार द्वारा संवैधानिक दायित्वों की अनदेखी के कारण जनता को हानि हो रही हो। उच्च न्यायालय के रिट क्षेत्राधिकार का उपयोग जनहित में सरकार या उसके कार्य-अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित आर्थिक नीति या सुधारों पर सवाल उठाने के लिए नहीं किया जा सकता।”
भाषा पाण्डेय प्रेम
प्रेम

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