डब्ल्यूटीओ ने आईसीटी आयात शुल्क विवाद पर निर्णय टालने का भारत, ताइपे का आग्रह स्वीकार किया

डब्ल्यूटीओ ने आईसीटी आयात शुल्क विवाद पर निर्णय टालने का भारत, ताइपे का आग्रह स्वीकार किया

डब्ल्यूटीओ ने आईसीटी आयात शुल्क विवाद पर निर्णय टालने का भारत, ताइपे का आग्रह स्वीकार किया
Modified Date: July 28, 2024 / 04:01 pm IST
Published Date: July 28, 2024 4:01 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान निकाय ने भारत और चीनी ताइपे के उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है जिसमें कुछ सूचना एवं प्रौद्योगिकी उत्पादों (आईसीटी) पर भारत द्वारा लगाए गए आयात शुल्क के खिलाफ फैसले को अक्टूबर के अंत तक लागू नहीं करने का अनुरोध किया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष पारस्परिक तरीके से इस मामले का निपटान करने में लगे हैं।

यह मुद्दा 26 जुलाई को जिनेवा में विवाद निपटान निकाय (डीएसबी) की बैठक के दौरान उठा।

जिनेवा में एक अधिकारी ने कहा, “डीएसबी ने चीनी ताइपे और भारत के ताजा अनुरोधों पर सहमति जताई है।”

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भारत और चीनी ताइपे ने 26 जुलाई की बैठक में एक बार फिर डीएसबी से अतिरिक्त समय का अनुरोध किया, जिससे कुछ उच्च प्रौद्योगिकी वस्तुओं पर भारत के शुल्क के संबंध में चीनी ताइपे द्वारा शुरू किए गए मामले में पैनल के निर्णयों को अपनाने पर विचार किया जा सके।

दोनों पक्षों ने अनुरोध किया था कि विवादों के समाधान में सहायता के लिए डीएसबी पैनल की रिपोर्ट पर विचार 28 अक्टूबर 2024 तक स्थगित कर दे।

विवाद निवारण निकाय ने इससे पहले भारत और चीनी ताइपे के चार अनुरोधों पर सहमति जताई थी, जिनमें रिपोर्टों पर विचार करने में देरी करने का अनुरोध किया गया था।

डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार, पैनल के फैसले को आदेश जारी होने के 60 दिनों के भीतर डीएसबी द्वारा लागू किया जाना चाहिए। हालांकि, देश आपसी सहमति से निकाय से फैसले को अपनाने में देरी करने का अनुरोध कर सकते हैं।

भाषा अनुराग अजय

अजय


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