‘उन्मुक्त’ अभियान के लिए 121 बंदियों की पहचान

'उन्मुक्त' अभियान के लिए 121 बंदियों की पहचान

‘उन्मुक्त’ अभियान के लिए 121 बंदियों की पहचान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 pm IST
Published Date: August 13, 2021 9:07 pm IST

रायपुर, 13 अगस्त (भाषा) छत्तीसगढ़ में समय से पूर्व रिहाई के लिए शुरू ‘उन्मुक्त’ अभियान के तहत 121 बंदियों की पहचान की गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और राज्य के जेल विभाग ने संयुक्त रूप से पात्र बंदियों की ​समय से पूर्व रिहाई के लिए ‘उन्मुक्त’ अभियान की शुरूआत की है।

प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया कि यह अ​भियान उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार शुरू किया गया है। उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़, बिहार और उत्तर प्रदेश को इस संबंध में पायलट परियोजनाएं शुरू करने के लिए कहा है।

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अग्रवाल ने बताया कि उन्मुक्त अभियान के तहत राज्य के पांच केंद्रीय जेलों से अब तक 121 पात्र बंदियों की पहचान की गई है। यह बंदी आजीवन कारावास की सजा के लिए जेलों में बंद हैं।

उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए राज्य के रायपुर स्थित केंद्रीय जेल से 28 बंदी, बिलासपुर से 40 बंदी, दुर्ग से 15 बंदी, जगदलपुर से 16 बंदी और अंबिकापुर केंद्रीय जेल से 22 बंदी की पहचान की गई है।

अग्रवाल ने बताया कि प्राधिकरण ने जेल विभाग के सहयोग से पात्र बंदियों की पहचान कर अभियान का पहला चरण पूरा कर लिया है।

उन्होंने बताया कि अब जेल अधिकारी प्राधिकरण के साथ इन चिन्हित बंदियों के दस्तावेजों के संग्रह का कार्य पूरा करेंगे।

अग्रवाल ने बताया कि यदि किसी बंदी का आवेदन अदालत की राय के लिए लंबित है तब संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से आवश्यक राय भी ली जाएगी।

अग्रवाल ने बताया कि अभियान के तीसरे चरण में चिन्हित मामलों को संबंधित अधिकारियों की सिफारिशों के लिए भेजा जाएगा और अंतिम चरण में बंदियों की रिहाई पर राज्य सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा उन बंदियों को भी आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी जिनकी रिहाई के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं।

भाषा संजीव नरेश

नरेश


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