बलौदाबाजार। जंगल से निकलकर 13 हाथियों का दल शहर की ओर बढ़ रहा है। हाथियों के इतने बड़े झुंड को देख ग्रामीणों में दहशत है। बताया जा रहा है हाथियों को जंगल वापस भेजने वाले गजराज वाहन की टीम दलबल के साथ पहुंची लेकिन वे भी असफल रही। आलम ऐसा है कि ग्रामीण अब हाथियों को वापस जंगल की ओर खदेड़ने के लिए अनेक प्रकार के जद्दोजहद करने लगे।
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छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी समस्या हाथियों का जंगल छोड़ ग्रामीण इलाकों में घुस जनधन की हानि पहुंचाना है, यह समस्या हमेशा से वन विभाग के लिए चुनौती रही हैं। वन विभाग के अनेक प्रयास के बाद भी जंगली हाथियों पर काबू पाना महज एक सपना की तरह हो गया है, चाहे हम गजराज प्रोजेक्ट की बात करे या फिर कुनकी हाथी जिसके लिए वन विभाग ने करोड़ों रुपये खर्च कर डाले लेकिन उसमें भी नाकाम रहे।
कई एकड़ फसल बर्बाद
बलौदाबाजार जिले के जंगली हाथी ग्रामीण इलाकों तक पहुच गए और कई एकड़ फसल बर्बाद कर गए अगर ग्रामीणों ने हाथियों को रोकने की कोशिश नही करने तो भारी जनधन की हानि हो सकती थी। ग्रामीणों और किसानों का वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहना था कि हाथियों का पता होने के बाद भी उनको ग्रामीण इलाके में घुसने से नहीं रोक पाय जिससे उनको भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।
ग्रामीणों से बात करे तो अपने फसल बर्बादी का कारण वन अमला को ठहराते है, वन अमला की नाकामी के कारण ही उनके फसल नुकसान हो रहे है और हमेशा ग्रामीणों की जान को खतरा होना भी बताते है। क्या वन विभाग के पास इस बड़ी समस्या से निपटने कोई उपाय हैं या फिर इसी तरह किसानों के फसल और आमजन की जिंदगी को खतरा बना रहेगा यह स्पष्ट कहना उचित नही है। वह अमला से बात करने पर वे अनेक प्रकार के प्रयोगो का आस्वासन देकर अपना पलड़ा झाड लेते हैं। अब देखना होगा कि आखिर कब तक छत्तीसगढ़ के किसानों को हाथियों की इस समस्या से निजात मिलेगी यह सवाल बना हुआ है।
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