छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों के हमले में 204 लोगों की मौत, 45 हाथी भी मारे गए
छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल में जंगली हाथियों के हमले में 204 लोगों की मौत हुई है जबकि 81 लोग घायल हुए है। वहीं बिजली का करंट लगने सहित अन्य कारणों से 45 हाथियों की मौत हुई है। 204 people killed, 45 elephants also killed in attack by wild elephants in Chhattisgarh
elephant attack
रायपुर, 15 मार्च । छत्तीसगढ़ में पिछले तीन साल में जंगली हाथियों के हमले में 204 लोगों की मौत हुई है जबकि 81 लोग घायल हुए है। वहीं बिजली का करंट लगने सहित अन्य कारणों से 45 हाथियों की मौत हुई है।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक रजनीश कुमार सिंह के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्य के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि एक जनवरी, 2019 से एक फरवरी, 2022 के बीच राज्य में हाथियों द्वारा किए गए जन—धन हानि के कुल 72,112 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
अकबर ने बताया, ‘‘हाथियों के हमले में इस दौरान 204 लोगों की मौत हुई है जबकि 81 लोग घायल हुए हैं। वहीं इस अवधि में फसलों को नुकसान होने के 63,603 मामले, घरों को नुकसान पहुंचने के 5,232 मामले और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचने के 2,992 मामले दर्ज किए गए हैं।’’
मंत्री ने बताया कि हाथियों के हमले की घटनाओं में लोगों की मौत, उनके घायल होने तथा फसलों, मकानों और अन्य संपत्तियों को नुकसान के कुल 72,112 मामलों में इन तीन साल में 60,56,89,481 रुपए का मुआवजा दिया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से 664 मामलों में 1,01,22,554 रुपए का मुआवजा लंबित है।
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वन मंत्री ने बताया कि सात अक्टूबर, 2021 को राज्य सरकार ने 1,995.48 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व के रूप में अधिसूचित किया था। लेमरू हाथी रिजर्व के अंतर्गत दो कोयला ब्लॉकों में 39 कोयला खदानें हैं। मांड रायगढ़ और हसदेव अरंड कोल ब्लॉक लेमरू हाथी रिजर्व की सीमा के भीतर आते हैं। वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के अंतर्गत भारत सरकार ने हाथी आरक्षित क्षेत्र में किसी भी खदान में खनन की अनुमति नहीं दी है।

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