शह मात The Big Debate: मर्यादा तोड़ बयान.. बेवक्त क्यों घमासान? अजय चंद्राकर ने टीएस सिंहदेव पर साधा निशाना तो गरमाई सियासत, क्या राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप की कोई सीमारेखा होनी चाहिए?

मर्यादा तोड़ बयान.. बेवक्त क्यों घमासान? Ajay Chandrakar targeted TS Singhdev and politics heated up

शह मात The Big Debate: मर्यादा तोड़ बयान.. बेवक्त क्यों घमासान? अजय चंद्राकर ने टीएस सिंहदेव पर साधा निशाना तो गरमाई सियासत, क्या राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप की कोई सीमारेखा होनी चाहिए?
Modified Date: October 11, 2025 / 11:52 pm IST
Published Date: October 11, 2025 11:43 pm IST

रायपुर: सबको याद है कि कैसे पिछली कांग्रेस सरकार में, CM पद के ढाई-ढाई साल के कथित फॉर्मूले पर कांग्रेस के दो दिग्गजों में ठनी रही? यहां तक की एक बार तो पूरी सरकार ने दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन तक किया। पूर्व डिप्टी CM बनाए गए TS सिंहदेव ने पहले भी कहा और अब भी खुलकर कहते हैं को वो प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। इसी इच्छा पर प्रहार करते-करते भाजपा विधायक ने, गांधी परिवार समेत पूरी कांग्रेस को लपेटे में ले लिया। बयानों पर पलटवार भी हुआ, लेकिन सवाल ये है कि इस वार-पलटवार के दौरान जो कुछ कांग्रेस के लिए कहा जा रहा है वो सच है या महज सियासी पैंतरा है?

कांग्रेस और कांग्रेसियों को अपने शब्दों में परिभाषित करने वाले भाजपा के तेज तर्रार सीनियर नेता, विधायक अजय चंद्राकर ने विपक्ष के संगठन सृजन अभियान से लेकर पूर्व डिप्टी CM TS बाबा तक पर निशाना साधा, पर सबसे तीखा प्रहार किया गांधी परिवार की परिक्रमा करने वाले नेताओं पर चंद्राकर ने कहा- कांग्रेस चाटने और काटने वाली पार्टी है। कांग्रेसी दिल्ली में एक परिवार के दरबारी बनकर रह गए हैं।

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चंद्राकर ने MP के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को अनुभवहीन, कमलनाथ गुट का परजीवी नेता बताया तो पूर्व डिप्टी CM TS सिंहदेव को लेकर कटाक्ष किया कि उनकी CM बनने की तीव्र इच्छा को पूरा करने, कुछ देर CM की कुर्सी पर बैठा देंगे। जवाब में टीएस बाबा ने भी कहा राज्यपाल से वक्त ले-लें मैं फिल्म नायक जैसा CM बनने तैयार हूं। एक तरफ कांग्रेस संगठन सृजन अभियान चलाकर 2028 विधानसभा चुनाव की तैयारी का दावा ठोक रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी, कांग्रेस और कांग्रेसी दिग्गजों को परिवारवादी, परजीवी, पद का लालची और चापलूस बताकर, कांग्रेस की पूरी कवायद को बेअसर साबित करना चाहती है। सवाल है तीखे जुबानी वार में कितनी सच्चाई है?

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।