Poor health facilities in medical college: अंबिकापुर। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल है। यहां न तो एमआरआई जांच की सुविधा है और न ही ट्रामा की व्यवस्था जिसके कारण मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ती है। गंभीर बात ये की फंड के अभाव के कारण जहां एमआरआई मशीन नहीं लग पा रहा है, तो वहीं सीजीएमएससी के सुस्त निर्माण के कारण ट्रामा सेंटर अब तक नही बन सका है। इधर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन जल्द ही दोनों व्यवस्थाओं को जल्द शुरू करने की दलील दे रहा है, तो वहीं ये भी मान रहा है कि दोनों सुविधाओं के नहीं होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सरगुज़ा संभाग के सबसे बड़ा अस्पताल मेडिकल कॉलेज अस्पताल जहां सरगुज़ा संभाग से ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेश से भी मरीज इलाज कराने यहां पहुंचते हैं, मगर अपनी स्थापना के कई साल बाद भी ये अस्पताल सुविधाओं के लिये तरस रहा है। आलम ये है कि यहां एमआरआई मशीन लगाने की प्रक्रिया करीब 3 सालों से चल रही है। इसके लिए 7 करोड़ रुपये एसईसीएल से प्रबंधन को मिल भी चुके हैं, मगर अब भी यहां एमआरआई मशीन नही लगाई जा सकी है। एमआरआई मशीन से जांच की सुविधा पाने के लिए लोगो को निजी संचालको के पास भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ रही है।
मेडिकल कालेज प्रबन्धन भी मान रहा है कि एमआरआई मशीन की नितांत आवश्यकता है, मगर फंड नही होने का रोना रोकर विभाग इस पर अपनी असमर्थता भी जाहिर कर रहा है। मेडिकल कालेज में अकेले एमआरआई जैसी सुविधाओ का अभाव हो, ऐसा नहीं बल्कि यहां अब तक ट्रामा सेंटर भी नही बन सका है। ऐसा नहीं की इसके लिए प्रयास नहीं किया गया, बल्कि यहां सीजीएमएससी की तरफ से ट्रामा सेंटर निर्माणाधीन है। मगर सुस्त कार्यप्रणाली के कारण जिस ट्रामा को अब तक बनकर तैयार हो जाना था वो आधा ही बन सका है। ऐसे में यहां आने वाले मरीजो को ट्रामा का लाभ भी नही मिल पा रहा।
आलम ये है ट्रामा के जरूरतमंद मरीजो को इसके लिए रायपुर औऱ बिलासपुर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इसके लिए भी मेडिकल कालेज प्रबन्धन निर्माण को जल्द से जल्द पूरा करने का रटा रटाया जवाब दे रहा है। डॉ रमनेश मूर्ति डीन बहरहाल जो मेडिकल कालेज काफी पुराना हो और खासतौर पर स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले का हो वहां सुविधाओं का अभाव कई सवाल खड़े करता है। सवाल ये भी की आखिर मरीजों के जरूरत की सुविधाएं उन्हें कब तक मिल सकेंगी, जिसके लिये जनता तरस रही है। ऐसे में देखना होगा कि आखिर कब तक मेडिकल कालेज अस्पताल में ट्रामा औऱ एमआरआई कि सुविधा लोगों को नसीब हो पाती है, ताकी कम खर्च में बेहतर इलाज जरूरतमंद लोगों को नसीब हो सके। IBC24 अभिषेक सोनी की रिपोर्ट
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