CG News: संडे-मंडे, मदर-फादर, आई-इयर की स्पेलिंग देख पकड़ लेंगे माथा, गुरूजी का ज्ञान देख शर्म से झुक जाएगा शिक्षा विभाग का सिर..आप भी देखें
वाड्रफनगर विकासखंड के कोगवार गांव में स्थित प्राथमिक शाला मचानडांड़ की हैं जहां शिक्षा का स्तर देखकर कोई भी चौंक जाएगा।
wadrafnagar news/ image source: IBC24
- वाड्रफनगर के कोगवार गांव के प्राथमिक स्कूल में शिक्षक ने बच्चों को गलत अंग्रेजी स्पेलिंग सिखाईं।
- ब्लैकबोर्ड पर “Sunday” की जगह “Sanday”, “Wednesday” की जगह “Wensday” लिखा गया।
- बॉडी पार्ट्स के नामों में भी गलतियाँ — “Nose” को “Noge” और “Eye” को “Iey” लिखा गया।
CG News: वाड्रफनगर: माता-पिता अपने बच्चों को इस उम्मीद से स्कूल भेजते हैं कि वे पढ़-लिखकर तरक्की करेंगे…लेकिन सोचिए, जब उन्हीं बच्चों के भविष्य निर्माता — यानी शिक्षक — खुद गलत पढ़ाने लगें, तो उन नन्हे सपनों का क्या होगा? वाड्रफनगर से आई ये तस्वीरें प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं।
हैरान कर देने वाली तस्वीरें आई सामने
CG News: ये तस्वीरें हैं वाड्रफनगर विकासखंड के कोगवार गांव में स्थित प्राथमिक शाला मचानडांड़ की हैं जहां शिक्षा का स्तर देखकर कोई भी चौंक जाएगा।क्लासरूम में मास्टरजी बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर अंग्रेजी के दिनों के नाम रटवा रहे हैं,लेकिन उन्हें खुद ही सही स्पेलिंग का ज्ञान नहीं है शिक्षक ने बोर्ड पर “Sunday” की जगह “Sanday” और “Wednesday” की जगह “Wensday” लिखा हुआ है — बच्चे मासूमियत से वही गलतियाँ दोहरा रहे हैं।यानी, जो भविष्य के निर्माता बनने आए हैं, उन्हें शुरुआत से ही गलत पढ़ाया जा रहा है।इतना ही नहीं, दूसरे क्रम में शिक्षक बच्चों को बॉडी पार्ट्स के नाम सिखा रहे हैं —लेकिन यहाँ भी वही गलती दोहराई गई। “Nose” की जगह “Noge”, “Ear” की जगह “Eare” और “Eye” की जगह “Iey” लिखा गया। बच्चे उन्हीं शब्दों को कॉपी में उतारते जा रहे हैं, और मास्टरजी अपनी गलती से अनजान हैं।इसके बाद तो हद तब हो गई जब मास्टरजी ने बच्चों को Mother, Father, Brother और Sister के भी गलत स्पेलिंग लिखवा दिए।
क्लासरूम में गलतियों का अंबार
क्लासरूम में पढ़ाई की जगह गलतियों का अंबार लगा है, और शिक्षक इस सब से पूरी तरह बेखबर।जानकारी के मुताबिक प्राथमिक शाला मचानडांड़ में कुल 42 बच्चे पढ़ाई करते हैं। सरकार ने इन बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए दो शिक्षक नियुक्त किए हैं, लेकिन बच्चों और ग्रामीणों के मुताबिक एक शिक्षक कमलेश पंडो अक्सर शराब के नशे में स्कूल आते हैं और क्लास में ही सो जाते हैं, जबकि दूसरे शिक्षक बच्चों को गलत स्पेलिंग रटवा रहे हैं।
शिक्षा विभाग से कई बार शिकायत कर चुके हैं ग्रामीण
CG News: ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार शिक्षा विभाग और पंचायत से शिकायत की,लेकिन अब तक किसी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया।वहीं, स्कूल के बच्चे भी खुद अपनी समस्या बता रहे हैं। प्रदेश में हर साल अंग्रेजी शिक्षण के लिए लाखों रुपये के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं।इसके बावजूद शिक्षकों का यह स्तर बताता है कि शिक्षा विभाग की मॉनिटरिंग पूरी तरह फेल है।सरकार ने शंकुल स्तर पर CAC की नियुक्ति की है ताकि शिक्षण की गुणवत्ता पर नजर रखी जा सके,पर हकीकत इसके उलट है। एक तरफ शासन शिक्षा सुधार की बातें करता है, स्मार्ट क्लास और डिजिटल लर्निंग की योजनाएं लाता है, लेकिन दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में शिक्षक खुद बेसिक स्पेलिंग तक सही नहीं जानते।ऐसे में “पढ़े छत्तीसगढ़, बढ़े छत्तीसगढ़” जैसे नारे सिर्फ कागजों पर ही अच्छे लगते हैं।वाड्रफनगर का यह मामला बताता है कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की कितनी ज़रूरत है। अगर अब भी विभाग नहीं जागा, तो इन मासूम बच्चों का भविष्य अंधकार में खो जाएगा।

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