IG Sundarraj on Naxalites: अपने ही बड़े नेताओ के साथ नक्सली कर रहे धोखेबाजी!.. नहीं हुआ ऐसा पहले कभी.. बस्तर IG सुंदरराज ने किया बेहद हैरान कर देने वाला खुलासा
Police changed its war strategy against Naxalites यह मुठभेड़ पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी है क्योंकि इसमें 40 लाख के इनामी 7 नक्सली मारे गए, जो संगठन के महत्वपूर्ण सदस्य थे। इससे नक्सली संगठन की गतिविधियों पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
Police changed its war strategy against Naxalites | Image Credit- Bastar IG Social Media
जगदलपुर: नारायणपुर-बीजापुर के सीमाई इलाके के अबूझमाड़ में दो दिन पहले नक्सली-सुरक्षाबलों के एनकाउंटर में मारे गए माओवादियों की शनिवार को पहचान कर ली गई। इस मुठभेड़ में जवानों ने 40 लाख रुपए के 7 नक्सलियों को ढेर किया है। इनमें एक 25 लाख रुपए का हार्डकोर नक्सली रामचंद्र उर्फ दसरू भी शामिल है। (Police changed its war strategy against Naxalites) ये राज्य समिति का सदस्य था। इसके साथ ही 5 लाख और 2 लाख रुपए के इनामी नक्सली भी मारे गए हैं। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किया गया है।
आईजी ने किया बड़ा खुलासा
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने इस पूरे मुठभेड़ को लेकर संयुक्त प्रेसवार्ता आयोजित की थी। इसमें संभाग के सभी जिलों के एसपी और अर्धसैनिक बलों के आला अधिकारी मौजूद हुए। पत्रकारों ने सवाल किया कि इस मुठभेड़ में बड़ा नेता दसरू जो की स्टेट कमेटी का मेंबर था वह मारा गया। संभवतः उसके पास एके-47 जैसे हथियार रहा होगा लेकिन पुलिस को इस मुठभेड़ में ऑटोमैटिक हथियार हाथ नहीं लगे है। खुद नक्सली दसरू के शव के पास उसका हथियार नहीं था। पुलिस ने आशंका जताया है कि मुठभेड़ के दौरान जूनियर नक्सली अपने नेता का हथियार लेकर भी मौके से फरार हो गए।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अमूमन देखा जाता था कि जूनियर नक्सली अपने बड़े नेता की जान बचने के लिए खुद को आगे कर देते थे। फिर वह चाहे सीसीएम हो या फिर एससीएम, डिवीसीएम या एसीएम। छोटे नक्सली अपने लीडर को प्रोटेक्ट करने की हर संभव कोशिश करते रहे है लेकिन 2024 में ऐसा होता नहीं दिख रहा है। (Police changed its war strategy against Naxalites) नक्सली मुठभेड़ के बाद अपने नेताओं को बचाने के बजाये मौके से फरार हो रहे है। इतना ही नहीं बल्कि वह उनके ऑटोमेटिक हथियार भी ले जा रहे है। पुलिस ने बताया कि नक्सलियों की यह गतिविधि उनके लिए एक कामयाबी की तरह है और इससे पता चलता है कि नक्सल संगठनों में फूट पड़ चुका है।
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1. मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान कैसे हुई?
मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान उनके शवों के पास मिले दस्तावेज, फोटो और अन्य सबूतों के आधार पर की गई। इनमें 25 लाख का इनामी दसरू (रामचंद्र) और अन्य 5 लाख और 2 लाख के इनामी नक्सली शामिल थे।
2. आईजी सुंदारराज पी ने किया बड़ा खुलासा क्या था?
आईजी सुंदारराज पी ने बताया कि नक्सली संगठन में फूट पड़ चुकी है। पहले जूनियर नक्सली अपने नेताओं की जान बचाने के लिए खुद आगे आते थे, लेकिन अब वे अपने नेताओं को छोड़कर भाग रहे हैं और उनके हथियार भी ले जा रहे हैं।
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3. मुठभेड़ में क्या-क्या हथियार बरामद हुए?
मुठभेड़ के दौरान भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए, लेकिन मारे गए बड़े नक्सली दसरू के पास कोई ऑटोमैटिक हथियार नहीं मिला। पुलिस का मानना है कि जूनियर नक्सली हथियार लेकर भाग गए।
Police changed its war strategy against Naxalites
4. नक्सली संगठन में फूट का क्या संकेत मिला?
मुठभेड़ के दौरान जूनियर नक्सलियों का अपने नेताओं को छोड़कर भाग जाना और उनके हथियार ले जाना इस बात का संकेत है कि नक्सली संगठन में एकता कमजोर हो चुकी है।
5. इस मुठभेड़ को पुलिस के लिए क्यों महत्वपूर्ण माना जा रहा है?
यह मुठभेड़ पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी है क्योंकि इसमें 40 लाख के इनामी 7 नक्सली मारे गए, जो संगठन के महत्वपूर्ण सदस्य थे। इससे नक्सली संगठन की गतिविधियों पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

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