Mahtari Vandan Yojana: महतारी वंदन योजना की सूची से काटे गए हजारों महिलाओं के नाम, अपात्र हितग्राहियों से वापस लिए जा रहे रुपए
Mahtari Vandan Yojana chhattigarh: बस्तर में एक साल के भीतर जिले की 3 हजार 399 महिलाओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। इनमें 1 हजार 923 हितग्राही वे हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, जबकि बाकी महिलाओं के दस्तावेज़ गड़बड़ पाए गए या वे सरकारी सेवा में रहते हुए भी योजना का लाभ ले रही थीं।
- अब भी हजारों महिलाएं योजना से वंचित
- किया जा रहा नक्सल पीड़ितों का पंजीयन
- संदेहास्पद हितग्राहियों को जांच सूची में डाला
- बस्तर में 3 हजार 399 महिलाओं के नाम सूची से हटाए गए
जगदलपुर: Mahtari Vandan Yojana, भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना में अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। बस्तर में एक साल के भीतर जिले की 3 हजार 399 महिलाओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। इनमें 1 हजार 923 हितग्राही वे हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, जबकि बाकी महिलाओं के दस्तावेज़ गड़बड़ पाए गए या वे सरकारी सेवा में रहते हुए भी योजना का लाभ ले रही थीं। विभाग का कहना है कि कई मामलों में मृत्यु की जानकारी देर से मिलने के कारण राशि जारी हो गई थी, जिसे अब रिकवरी किया जा रहा है।
अब भी हजारों महिलाएं योजना से वंचित
Mahtari Vandan Yojana chhattigarh, बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत पिछले साल काशी से की थी और पहले ही महीने में जिले की करीब 1 लाख 94 हजार महिलाओं को पहली किस्त दी गई थी। इस माह 19 वीं किस्त जारी की जा चुकी है, लेकिन अब भी सैकड़ों महिलाएं पंजीयन छूट जाने, आधार कार्ड निष्क्रिय होने या हाल ही में पात्रता हासिल करने की वजह से योजना से वंचित हैं।
किया जा रहा नक्सल पीड़ितों का पंजीयन
Mahtari Vandan Yojana, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि पंजीयन पोर्टल दोबारा खोला जाएगा। लेकिन अब तक इसे सभी के लिए नहीं खोला जा सका है, महिला बाल विकास अधिकारी के अनुसार बस्तर जिले में नए पंजीयन तो नहीं हो रहे हैं लेकिन नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सल पीड़ितों का पंजीयन किया जा रहा है।
संदेहास्पद हितग्राहियों को जांच सूची में डाला
फिलहाल विभाग ने संदेहास्पद हितग्राहियों को जांच सूची में डाल दिया है और जिसके द्वारा भी गलत तरीके से लाभ लिया गया है, उनसे जांच कर राशि वसूली की जा रही है। ये तो आंकड़ा सिर्फ एक जिले का है। इसी तरह अगर प्रदेश में ऐसे नामों की जांच की जाए तो यह संख्या लाखों में निकल सकती है, ऐसे में विभाग को अपात्र महिलाओं को नाम हटाकर पात्र महिलाओं का नाम जोड़ा जाता है तो वंचित महिलाओं को भी इस योजना का लाभ मिल सकता है।
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