छत्तीसगढ़ के इस जिले में पुन: खोले गए बंद हुए 200 स्कूल, पंद्रह वर्षों बाद संवरेगा बच्चों का भविष्य
छत्तीसगढ़ के इस जिले में पुन: खोले गए बंद हुए 200 स्कूल, पंद्रह वर्षों बाद संवरेगा बच्चों का भविष्य 200 schools are opening again
200 schools closed due to Judum campaign reopened after 15 years
200 schools closed due to Judum campaign reopened after 15 years: बीजापुर। नक्सल प्रभावित दक्षिण-पश्चिम बस्तर के बीजापुर जिले में 16-17 वर्ष पूर्व नक्सलीयों के खिलाफ तत्कालीन सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए सलवा जुडूम अभियान की वजह से लगभग 200 से अधिक स्कूल बंद थे, जिसमें 200 स्कूलों को पुन: खोला गया है, जिसके कारण 6920 बच्चों का जीवन में शिक्षा का प्रकाश 200 ज्ञान दूत फैलायेंगे। इन बंद पड़े स्कूलों को पुनः प्रारंभ करने में बीजापुर जिले के कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके कारण बच्चों का भविष्य अब संवरेगा।
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कलेक्टर कटारा के इस अभियान को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाथों हाथ लिया है और स्कूलों को खोलने के लिए मुक्त कंठ से उनकी प्रशंसा की। कलेक्टर कटारा बताते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी पहल है, जिससे यहां के बच्चों का भविष्य संवरेगा। जिले के चारों ब्लॉकों में पंद्रह वर्षों पूर्व बच्चों को शिक्षा के लिए वंचित होना पड़ा। माओवादियों के कारण सलवा जुडूम अभियान चलाया गया जिसके कारण ग्रामीणों को कैंप में रखा गया और दो सौ से अधिक स्कूल बंद हो गए थे। शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में 200 स्कूलों में घंटी बजी यदि ब्लाक वार देखें तो उसूर ब्लाक में 79, भैरमगढ़ में 62, बीजापुर 34 व भोपालपटनम में 2 5 स्कूल बंद थे।
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कलेक्टर कटारा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शिक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करने फ्री हैंड दिए हैं और इसकी बदौलत उपरवर्णित गांवों में स्कूलों का निर्माण किया जा रहा है। माओवादियों के अतिप्रभावित क्षेत्र में शेडनुमा स्कूल निर्माण, कम प्रभावित क्षेत्रों में पक्के स्कूलों का निर्माण किया जा रहा है। शासन की योजनाओं के अनुसार मध्यान्ह भोजन, गणवेश व पठन-पाठन सामग्रियां दी जा रही है। दूसरी तरफ 15-16 वर्षो पूर्व बंद पड़े स्कूलों के खुलने पर बच्चों के साथ-साथ पालकगणों में खुशियों का ठिकाना नहीं है। पालकगण इसके वर्तमान राज्य सरकार को धन्यवाद देने से भी नहीं थक रहें हैं।
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भोपालपटनम क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य सरिता चापा का कहना है कि विपरीत परिस्थितियों के कारण इस गांव के बच्चे शिक्षा से वंचित हो गए थे, किंतु पुनः स्कूल खुलने से अब बच्चे पढ़ाई लिखाई कर शिक्षित हो सकेंगे औऱ एक अंदरूनी इलाके के बच्चे भी अब होनहार बनेंगे। नेलीमादगु के करटम लक्ष्मैया का कहना है कि बंद पड़े स्कूलों के खुलने से एक सकारात्मक संदेश गया कि वर्तमान शासन-प्रशासन शिक्षा के प्रति कितना सजग है, वहीं बंद पड़े स्कूलों के लिए जो शिक्षक ज्ञान दूत के रूप में कार्य कर रहें हैं उन्हें रोजगार के साथ-साथ भविष्य निर्माण की महत्त्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई है, जिसके लिए कई ज्ञान दूतों ने कहा कि हमारे परिजन व गांवों के बच्चों के लिए यह प्रयास भागीरथी प्रयास है, जिसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल औऱ विधायक एवं कलेक्टर कटारा को बधाई के पात्र हैं। IBC24 से संतोष तिवारी की रिपोर्ट

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