Reported By: Vishal Vishal Kumar Jha
,Bilaspur High Court Rape and POCSO Act || Image- IBC24 News File
Bilaspur High Court on Rape and POCSO Act: बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि यदि किसी युवक और युवती के बीच प्रेम प्रसंग हो और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बने हों, तो उसे दुष्कर्म या पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने इस आधार पर एक युवक की सजा को रद्द करते हुए उसकी तत्काल रिहाई के आदेश दिए हैं।
एक युवक को नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी और वह पिछले छह वर्षों से जेल में बंद था। युवक ने इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि घटना के समय पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम थी। इसके साथ ही पीड़िता ने भी कोर्ट में बयान दिया कि वह आरोपी से प्रेम करती थी और दोनों के बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से बने थे।
Bilaspur High Court on Rape and POCSO Act: पीड़िता के बयान और अभियोजन की कमजोरी को देखते हुए हाईकोर्ट की एकल पीठ ने विशेष न्यायाधीश, रायपुर द्वारा 27 सितंबर 2019 को दिए गए फैसले को रद्द कर दिया। निचली अदालत ने आरोपी तरुण सेन को आईपीसी की धारा 376(2)(एन) और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10-10 साल की सजा सुनाई थी।
युवक पर आरोप था कि वह 8 जुलाई 2018 को एक लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया और कई दिनों तक उसके साथ रहा। लड़की के पिता ने 12 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद 18 जुलाई को लड़की को दुर्ग से बरामद किया गया था। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरोपी युवक को लगभग छह साल बाद जेल से रिहाई मिल गई है।