Bilaspur Train Accident: 4 नवंबर के भीषण रेल हादसे ने फिर छीनी एक और जान ! बिलासपुर हादसे में अब 13 मौतें, जांच में सामने आ सकते हैं चौंकाने वाले सच !
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेल हादसे से जुड़ी एक दुखद खबर सामने आई है। हादसे में गंभीर रूप से घायल बैमा निवासी पवन गढ़वाल की इलाज के दौरान मौत हो गई।
bilaspur train accident / image souce: IBC24
- बिलासपुर ट्रेन हादसे में घायल पवन गढ़वाल की इलाज के दौरान मौत।
- हादसे में अब तक 13 लोगों की जान जा चुकी है।
- 4 नवंबर को कोरबा-बिलासपुर एमईएमयू ट्रेन मालगाड़ी से टकराई थी।
Bilaspur Train Accident: बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेल हादसे से जुड़ी एक दुखद खबर सामने आई है। हादसे में गंभीर रूप से घायल बैमा निवासी पवन गढ़वाल की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके साथ ही इस भीषण हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। जानकारी के मुताबिक, पवन गढ़वाल हादसे के समय नैला स्टेशन से कोरबा-बिलासपुर ट्रेन में सवार हुए थे। हादसे में वे गंभीर रूप से घायल हुए और लगातार इलाज चल रहा था, लेकिन सोमवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।
4 नवंबर की शाम को हुआ था हादसा
Bilaspur Train Accident: यह हादसा 4 नवंबर की शाम को हुआ था, जब कोरबा-बिलासपुर एमईएमयू लोकल ट्रेन गतोरा और लालखदान स्टेशन के बीच खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई थी। टक्कर इतनी भीषण थी कि एमईएमयू ट्रेन के कई डिब्बे मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गए और दर्जनों यात्री ट्रेन के अंदर फंस गए थे।
घटना के तुरंत बाद रेलवे प्रशासन, जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची थीं। राहत-बचाव कार्य कई घंटों तक चला। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई कि हादसा सिग्नलिंग सिस्टम की त्रुटि या मानवीय गलती की वजह से हो सकता है, हालांकि रेलवे अधिकारियों ने कहा है कि पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट होगा।
कई लोगों की हालत बहुत गंभीर
घायल यात्रियों का इलाज बिलासपुर के CIMS अस्पताल और अपोलो हॉस्पिटल में चल रहा है। इनमें से कई की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। मृतकों में ज्यादातर यात्री कोरबा, जांजगीर-चांपा और बिलासपुर जिले के बताए जा रहे हैं।
रेलवे विभाग कर रही मामले की जांच
Bilaspur Train Accident: रेलवे विभाग ने इस घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय टीम गठित की है, जिसमें सुरक्षा और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। टीम ने ट्रैक, सिग्नलिंग सिस्टम और इंजन रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि टक्कर के वक्त ट्रेन की रफ्तार काफी तेज थी, जिसके कारण नुकसान बहुत ज्यादा हुआ। हादसे के दौरान कुछ यात्रियों ने ट्रेन के दरवाजों से कूदकर अपनी जान बचाई, जबकि कई लोग डिब्बों में फंसे रह गए थे। सरकार ने हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया था और घायल यात्रियों के समुचित इलाज के निर्देश दिए थे।
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