विधानसभा में फिर गूंजा बोधघाट परियोजना का मुद्दा, बृजमोहन ने ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहूंचाने का लगाया आरोप

विधानसभा में फिर गूंजा बोधघाट परियोजना का मुद्दा, Bodhghat project related questions in Vidhansabha

विधानसभा में फिर गूंजा बोधघाट परियोजना का मुद्दा, बृजमोहन ने ब्लैक लिस्टेड कंपनी को फायदा पहूंचाने का लगाया आरोप
Modified Date: March 20, 2023 / 01:19 pm IST
Published Date: March 20, 2023 12:58 pm IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के 11वें दिन प्रश्नकाल के दौरान एक बार फिर बोधघाट परियोजना का मामला गूंजा। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने ये मामला उठाया। बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि बोधघाट परियोजना के संबंध में काम शुरू करने को लेकर सरकार ने विधानसभा में घोषणा की थी कि नहीं? इस परियोजना का काम शुरू हुआ है कि नहीं? इसके सर्वेक्षण का कार्य किस एजेंसी को दिया गया है? बृजमोहन ने आरोप लगाया कि ब्लैक लिस्टेड कंपनी Wapcos को फायदा पहुंचाने के लिए 41 करोड़ का काम दिया गया। काम पूरा हुए बिना 12 करोड़ का पेमेंट भी किया जा चुका है, जबकि पर्यावरणीय स्वीकृति में यह स्पष्ट उल्लेख है कि वहां हाइड्रल प्रोजेक्ट लगाया जा सकता है। सिंचाई नहीं हो सकती।

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बृजमोहन अग्रवाल के इस प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि परियोजना का सर्वेक्षण एवं अनुसंधान कार्य प्रगति पर है। इसलिए निर्माण कार्य प्रारंभ करने की तिथि अभी बता पाना संभव नहीं है।

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बृजमोहन ने पूछा कि बोधघाट परियोजना के सर्वेक्षण का कार्य किस एजेंसी को दिया गया है? क्या एजेंसी को पूर्व में भी विभाग ने सर्वेक्षण का कार्य दिया था? मंत्री चौबे ने बताया कि बोधघाट परियोजना के सर्वेक्षण व अनुसंधान और भारत शासन की वैधानिक अनुमतियां प्राप्त करने का काम Wapcos (वाप्कोस) लिमिटेड गुरुग्राम को दिया गया है। बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि वाप्कोस कंपनी को मध्यप्रदेश शासन द्वारा ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है। इस संबंध में ऑडिटर जनरल ने विभाग को पत्र लिखकर आपत्ति की है कि यह काम 1980 में हो चुका है। इसके बावजूद बिना टेंडर के 41 करोड़ का काम दिया गया और 12 करोड़ का पेमेंट भी कर दिया। बृजमोहन ने आरोप लगाया कि जान-बूझकर लाभ पहुंचाने के लिए कंपनी को काम दिया गया।


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।