छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री मजरा टोला विद्युतीकरण योजना से नक्सल प्रभावित 17 वनग्रामों में पहुंची बिजली

छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री मजरा टोला विद्युतीकरण योजना से नक्सल प्रभावित 17 वनग्रामों में पहुंची बिजली

छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री मजरा टोला विद्युतीकरण योजना से नक्सल प्रभावित 17 वनग्रामों में पहुंची बिजली
Modified Date: May 16, 2025 / 10:47 am IST
Published Date: May 16, 2025 10:47 am IST

रायपुर, 16 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना से राज्य के नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के 17 वनग्रामों में पहली बार बिजली पहुंची है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित घने वनों के बीच बसे मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के 17 वनग्रामों में पहली बार बिजली पहुंची है।

उन्होंने बताया कि राज्य में मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत तीन करोड़ रुपये की लागत से कातुलझोरा, कट्टापार, बोदरा, बुकमरका, संबलपुर, गट्टेगहन, पुगदा, आमाकोड़ो, पीटेमेटा, टाटेकसा, कुंदलकाल, रायमनहोरा, नैनगुड़ा, मेटातोडके, कोहकाटोला, एडसमेटा और कुंजकन्हार जैसे अत्यंत दुर्गम गांवों में बिजली पहुंचाने का सपना साकार हुआ है।

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अधिकारियों ने बताया कि इन इलाकों तक बिजली पहुंचाने का काम बेहद चुनौतीपूर्ण था। दुर्गम पहाड़ियों, सघन वनों और नक्सली खतरे के बीच कार्य को अंजाम देना किसी मिशन से कम नहीं था।

उन्होंने बताया कि जब गांवों में पहली बार ट्रांसफार्मर लगा तब ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की। कुछ गांवों में बच्चों ने नृत्य किया और ग्रामीणों ने पटाखे फोड़कर अपनी खुशी जताई।

अधिकारियों ने बताया कि इन वनग्रामों के 540 परिवार अब तक सौर ऊर्जा और लालटेन पर निर्भर थे। कई गांवों में सौर प्लेट या तो चोरी हो गए थे या खराब हो चुके थे, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

उन्होंने बताया कि अब 275 परिवारों को बिजली कनेक्शन मिल चुका है तथा अन्य परिवारों के घरों में बिजली कनेक्शन लगाया जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि टाटेकसा गांव में स्थापित 25 केवीए ट्रांसफार्मर को चार्ज कर शुरू कर दिया गया है। इस कार्य में 45 किमी लंबी 11 केवी लाइन, 87 निम्नदाब पोल और 17 ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं।

कार्यपालक निदेशक सेलट ने बताया कि इन दुर्गम गांवों तक 11 केवी लाइन बिछाने के लिए वन विभाग से एनओसी प्राप्त करने से लेकर उपकरणों की ढुलाई का काम चुनौतीपूर्ण था। उनके अनुसार, समर्पित तकनीकी टीम के प्रयासों से यह कार्य संभव हो सका।

भाषा संजीव मनीषा

मनीषा


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