छत्तीसगढ़: कोरबा जिले के हसदेव डुबान में बनेगा पहला एक्वा पार्क

छत्तीसगढ़: कोरबा जिले के हसदेव डुबान में बनेगा पहला एक्वा पार्क

छत्तीसगढ़: कोरबा जिले के हसदेव डुबान में बनेगा पहला एक्वा पार्क
Modified Date: July 21, 2025 / 07:51 pm IST
Published Date: July 21, 2025 7:51 pm IST

रायपुर, 21 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरबा जिले के हसदेव बांगो डुबान जलाशय में राज्य का पहला ‘एक्वा पार्क’ बनाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि ‘एक्वा पार्क’ के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत केंद्र सरकार से 37.10 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि यह ‘एक्वा पार्क’ एतमा नगर और सतरेंगा क्षेत्र में फैले सैकड़ों एकड़ डुबान जलाशय में विकसित होगा।

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अधिकारियों ने बताया कि इस पार्क के विकसित होने से राज्य में मछली पालन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा और मछली उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण, विक्रय, निर्यात व ‘एक्वा टूरिजम’ से क्षेत्र के ग्रामीणों की आय बढ़ेगी।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने इस पार्क की स्थापना के लिए राशि स्वीकृत करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित केन्द्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।

अधिकारियों ने बताया कि एतमा नगर में मछलियों के उत्पादन से लेकर उनके प्रसंस्करण और विपणन के साथ-साथ उन्हें विदेशों में निर्यात करने की सुविधा भी विकसित होगी।

उन्होंने बताया कि एतमा नगर की इस प्रसंस्करण इकाई से हटकर सतरेंगा में ‘एक्वा म्यूजियम’ बनेगा।

अधिकारियों ने बताया कि ‘एक्वा म्यूजियम’ बन जाने से पर्यटकों की जानकारी के लिए यहां विभिन्न प्रकार की मछलियों को रखा जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही सतरेंगा में ‘एंगलिंग डेस्क’, कैफेटेरिया, ‘फ्लोटिंग हाउस’ और ‘मोटर बोट’ सहित वाटर स्पोर्ट्स की सविधाएं भी विकसित की जाएंगी, जिससे क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा।

अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय ग्रामीणों की आय बढ़ने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में ‘एक्वा पार्क’ के लिए स्वीकृति मिलने पर राज्य के मछली पालकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस ‘एक्वा पार्क’ से न केवल मछली पालन की नई उन्नत तकनीक लोगों तक पहुंचेंगी बल्कि प्रसंस्करण-पैकेजिंग इकाई से मछली व्यवसाय को नई दिशा मिलेगी।

उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ की तिलपिया मछली की विदेशों में बहुत मांग है और इस ‘एक्वा पार्क’ में इस मछली के उत्पादन से छत्तीसगढ़ के मछली पालकों के लिए अब सात समुंदर पार भी व्यापार के द्वार खुलेंगे।”

साय ने ‘एक्वा पार्क’ की स्थापना को मछली पालन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने वाला निर्णय बताया।

भाषा संजीव जितेंद्र

जितेंद्र


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