CM शंकराचार्य के द्वार.. बिरनपुर को इंतजार! बेमेतरा पहुंचकर भी बिरनपुर क्यों नहीं गए CM?

CM शंकराचार्य के द्वार.. बिरनपुर को इंतजार! CM Bhupesh Baghel did not go to Biranpur even after going to Bemetara

CM शंकराचार्य के द्वार.. बिरनपुर को इंतजार! बेमेतरा पहुंचकर भी बिरनपुर क्यों नहीं गए CM?

CM Bhupesh Baghel did not go to Biranpur

Modified Date: April 18, 2023 / 11:14 pm IST
Published Date: April 18, 2023 11:14 pm IST

राजेश मिश्रा, रायपुरः बिरनपुर कांड पर 10 दिन बाद भी सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। भाजपा ने एक बार फिर से कांग्रेस पर निशाना साधा कि एक ओर उनकी पार्टी के नेताओं को बिरनपुर जाने नहीं दिया जा रहा है और दूसरी ओर कांग्रेस विधायकों से लेकर मुख्यमंत्री तक को बिरनपुर जाने की फुर्सत नहीं है। सीएम बेमेतरा तो जाते हैं लेकिन बिरनपुर के लोगों का इंतजार खत्म नहीं होता। सवाल है कि बेमेतरा पहुंचकर भी बिरनपुर क्यों नहीं गए CM ? बिरनपुर से मंत्रियों ने क्यों बना रखी है दूरी ? क्या कांग्रेस को विरोध का डर सता रहा है.. BJP के आरोपों में कितनी सच्चाई है?

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बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में हिंसा के 10 दिन बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिले के सलधा गांव पहुंचे। सलधा में सीएम पंचकुंडी रूद्र महायज्ञ और शिव पुराण कथा में शामिल हुए। साथ ही सपाद लक्षेश्वर धाम आश्रम में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से आशीर्वाद भी लिया। बेमेतरा जिले में सीएम पहुंचे तो जरूर लेकिन बिरनपुर गांव के लोगों का इंतजार खत्म नहीं हुआ। इस पर भाजपा ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री और कांग्रेस पर निशाना साधा ।

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भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने जोरदार पलटवार किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीड़ित परिवारों से मिलने के नाम पर भाजपा नेताओं ने हिंसा भड़काने का काम किया है। रही बात कांग्रेस की तो मंत्री रविंद्र चौबे पीड़ित परिवार से जाकर मुलाकात कर चुके हैं। बहरहाल, जिस तरह से बिरनपुर के मामले में हर दिन सियासत गरमा रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि ये मुद्दा आने वाले दिनों में और गरमाएगा।

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।