Love Sex aur Dhokha: प्यार तूने क्या किया! शादी के बाद भी पुराने आशिक के लिए उमड़ रहा था प्यार, आधी रात किया कांड | Love Sex aur Dhokha: Married Lady Do this

Love Sex aur Dhokha: प्यार तूने क्या किया! शादी के बाद भी पुराने आशिक के लिए उमड़ रहा था प्यार, आधी रात किया कांड

प्यार तूने क्या किया! शादी के बाद भी पुराने आशिक के लिए उमड़ रहा था प्यार, आधी रात किया कांड! Love Sex aur Dhokha

Edited By :   Modified Date:  August 27, 2023 / 09:40 AM IST, Published Date : August 27, 2023/9:40 am IST

आकाश राव, दुर्ग: Love Sex aur Dhokha बहुत सादगी थी मुझमे… तुम क्या मिले… संवरना आ गया मुझे…. इश्क चीज ही ऐसी है कि जब इसका रंग चढ़ता है, तो जिंदगी 360 डिग्री घूम जाती है। वो बाबुल के आंगन में खेलते वक्त, किसी के बचपन का प्यार थी… फिर सात फेरों के बाद सुहाग के आंगन की, पवित्र तुलसी हो गई। पवित्र प्यार को भुलाकर कैसे बने, पाप के रिश्ते… कैसे, तीन जिंदगी में घुल गए जहर… आइए देखते हैं ‘प्यार तूने क्या किया..?’

Love Sex aur Dhokha रुक-रुककर… हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। सारा दिन देश की आजादी का जश्न मनाने के बाद… पूरा शहर थककर सो रहा था। सरकारी छुट्टी की वजह से दिनभर यहां-वहां पिकनिक और टूर से लौटे लोग घरों में सो रहे थे। सावन की इसी रात छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में गिरधारी नगर वार्ड के एक घर में धमाके की आवाज आई और घर आग की लपटों में घिर गया।

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घर के बाहर बने स्टोर रूम में अचानक आग लग गई। साथ ही एक धमाके की आवाज भी आई। भूपेंद्र यादव की भाभी मधु यादव ने उठकर देखा और सभी को बताया। आग पर काबू पाने के दौरान एक लाश भी जलती मिली। बुरी तरह जल चुकी लाश को पहचान पाना मुश्किल था। इसी बीच पता चला कि सुप्रिया अपने कमरे में नहीं है। जलते हुए स्टोर रुम के पास कुछ चूड़ियां और बिछिया भी पड़ी मिली। ये सुप्रिया यादव की ही थी। भूपेंद्र यादव के घर में आग लगने की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गई। किसी तरह आग पर काबू पा लिया गया। जांच के दौरान स्टोर रुम के पास सुप्रिया की टूटी हुई चूड़ियां और बिछिया पड़ी मिली। परिजन की शिनाख्ती के बाद पुलिस को भी यकीन हो गया कि ये लाश सुप्रिया की ही है।

सुबह होने पर जब आग ठंडी हुई, तो पुलिस ने कंकाल में बदल चुकी लाश को पंचनामा कर कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दी। परिजन की ओर से लाश की शिनाख्त कर लिए जाने और घटनास्थल की परिस्थितियों के साथ मौके से मिले सबूतों के बाद पुलिस के मन में बहुत ज्यादा कोई सवाल नहीं था। मामले में तब नया मोड़ आ गया जब 16 अगस्त की रात करीब आठ बजे खैरागढ़ और जालबांधा के बीच सुप्रिया यादव बेहोशी की हालत में मिल गई। सुप्रिया का मायका गंडई है, जहां ये खबर सबसे पहले पहुंची। सुबह जो परिजन सुप्रिया की मौत पर आंसू बहा रहे थे अब वे उसे जिंदा और बेहोशी की हालत में पाकर खुश भी थे और हैरान भी।

शुरुआती जांच में पुलिस ने मौत के इस केस में सिर्फ मर्ग दर्ज किया था। लेकिन जब सुप्रिया जिंदा मिल गई, तो इस केस ने उसे बुरी तरह उलझा दिया। उसने घटनास्थल पहुंचकर दोबारा से जांच की। परिजन से एक-एक कर पूछताछ हुई और सबके बयान दर्ज किए गए। सबसे अहम था सुप्रिया यादव का बयान कि आखिर वो रात को घर में सो रही थी, तो खैरागढ़ और जालबांधा के बीच कैसे पहुंच गई। सुप्रिया यादव ने जब पुलिस को बयान दिए तो सुनकर पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए। पंद्रह अगस्त की रात घर में लगी आग कोई हादसा नहीं था, बल्कि वो साजिश की आग थी। इस अग्निकांड और साजिश का सबसे अहम किरदार खुद सुप्रिया यादव थी। सुप्रिया के इस इकबालिया बयान ने पुलिस की पूरी तफ्तीश की दिशा ही मोड़ दी। क्योंकि आगजनी वाली उस रात से कई दिन पहले एक मर्डर भी हुआ था।

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सुप्रिया के बयान के बाद भी पुलिस को उसके एक सवाल का जवाब तो मिल गया, लेकिन दूसरा सवाल उसके सामने बड़ी चुनौती थी। अग्निकांड की साजिश का कत्ल से क्या कनेक्शन था और कौन था जिसकी मौत सुप्रिया की जगह जलने की वजह से हुई थी? कौन थी वो..? परिजन के साथ पुलिस भी इसी सवाल की गुत्थी में उलझ गई कि जब सुप्रिया यादव उनके सामने सही-सलामत खड़ी है तो फिर किसका हुआ खून? हत्या करने के बाद किसकी लाश को आग के हवाले किया गया? लेकिन पुलिस को सच बेपर्दा करने में ज्यादा वक्त नहीं लगा, क्योंकि वो सुप्रिया की शक्ल में उनके सामने ही था।

रहस्य में लिपटी सुप्रिया वो सच थी जिसका इल्म किसी को न था। कच्ची उमर में ही उसने प्यार के कसीदे से अपना जीवन सजा लिया। लेकिन जिंदगी उसे एक ऐसे दोराहे पर लेकर आ गई, जहां से वो अपनी मोहब्बत से अलग हो जाने को मजबूर हो गई। लेकिन पहला प्यार भला कहां कोई भूल पाता है। पहले प्यार को पूरा पा लेने की यही कोशिश, पाप का सबब बन गई।

जी हां, मोहब्बत के जज्बात की ये कहानी उनकी जवानी शुरू होने से पहले ही शुरू हो गई। तब उनका बचपना ही था। वे दोनों स्कूल में साथ-साथ पढ़ते थे। साथ जीने-मरने के सपने देखते हुए वे जवान हुए। लेकिन उनकी मोहब्बत ज्यादा परवान नहीं चढ़ सकी। हालात ने उनकी हसरतों की हत्या कर दी। सुप्रिया की शादी उसके घरवालों ने गंडई से बहुत दूर दुर्ग में कर दी। भूपेंद्र और सुप्रिया की शादी साल 2010 में हुईं। शादी के कुछ साल तक तो सब ठीक रहा। सुप्रिया और भूपेंद्र के दो बेटे भी हो गए। लेकिन धीरे-धीरे सुप्रिया का मन ससुराल से उचटने लगा था। भूपेंद्र ने सुप्रिया के नाम से ब्यूटी पार्लर भी खुलवा दिया, ताकि उसका मन लगा रहे। लेकिन सुप्रिया का मन तो कहीं और लगा था।

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32 साल की सुप्रिया ने अपने प्रेमी उमेश से कहा कि वो उसे भगाकर ले जाए। लेकिन बदनामी नहीं होनी चाहिए। लिहाजा उमेश ने ऐसी खतरनाक साजिश रची, जिसके बारे में कोई सहज ही कल्पना तक नहीं कर सकता। सुप्रिया की आंखों का सपना कैसे साजिश में बदला बेहद ही दिलचस्प और खौफ से भरा है। इश्क में गिरफ्तार कोई आशिक पुराने प्यार की डोर में किस हद तक बंधा हो सकता है। ये उमेश को देखकर पता चलता है। जिसने सुप्रिया की खातिर एक सनसनीखेज साजिश रची और उसे अपनी महबूबा और जिगरी यार के साथ मिलकर अंजाम भी दिया।

प्यार में पाप की प्लानिंग हुई। 15 अगस्त की रात सुप्रिया यादव ने उमेश साहू की ओर से दी गई नींद की दवा अपने पति और पूरे परिवार के भोजन में मिला दिया। जब सभी गहरी नींद में सो गए, तो उसने उमेश को फोन कर बुला लिया। एक बड़ी साजिश और वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी सुप्रिया, उमेश और प्रदीप कार में फरार हो गए। इस घटना का एक CCTV फुटेज भी पुलिस को मिला। जिसमें घर के स्टोर रूम में धमाके की आवाज सुनकर दो लोग भागते नजर आ रहे हैं और फिर तुरंत एक कार निकलकर रोड पर आती है। इसी में तीनों आरोपी सवार थे।

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देर रात सुप्रिया, उमेश और प्रदीप गंडई पहुंच गए। लेकिन पुराने प्यार के नए रास्ते पर कुछ कदम चलते ही सुप्रिया को ये अहसास होने लगा कि वो गलत कर रही है। वह वापस अपने घर जाने की जिद करने लगी। उमेश साहू के मेडिकल स्टोर में ही सुप्रिया ने रात गुजारी। फिर सुबह वापस अपने मायके की ओर निकल गई। रास्ते में उसने अपने शरीर पर ढेर सारा सिंदूर और बंदन पोत लिया और गांव के पास ही बेहोश होने का नाटक कर सो गई। गांववालों ने उसे देखा तो पुलिस को फोन किया। इसके बाद वो अपने मायके पहुंच गई। उसने बताया कि रात में वो अपने घर पर सोई हुई थी, फिर वो इस हालत में कैसे यहां आ गई, उसे भी कुछ नहीं पता।

इधर पुलिस को पता चल गया कि सुप्रिया जिंदा है और उसकी जगह जिसकी मौत हुई है, वो गंडई की सुरजा बाई है। जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट एक दिन पहले ही दर्ज हुई थी। पूछताछ के बाद पहले सुप्रिया यादव फिर उसका प्रेमी उमेश साहू और फिर उसका दोस्त प्रदीप जंघेल पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों पर हत्या और साजिश रचने का केस रजिस्टर किया गया है।

 

 

 

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