Bhanupratappur News: केवल दाल-भात से पेट भर रहे बच्चे, अंधेरे में कट रही रातें, इस छात्रावास के छात्रों ने खुद खोली अव्यवस्थाओं की पोल
Bhanupratappur News: कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल में स्थित प्री मैट्रिक छात्रावास के छात्रों ने अव्यवस्थाओं की पोल खोली है।
Bhanupratappur News/Image Credit: IBC24
- दुर्गूकोंदल प्री मैट्रिक छात्रावास के छात्रों ने खोली अव्यवस्थाओं की पोल।
- हॉस्टल अधीक्षक को हटाने के लिए लिखी थी चिट्ठी।
- एक महिने बाद भी नहीं हटाए गए अधीक्षक।
Bhanupratappur News: दुर्गूकोंदल: कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल में स्थित प्री मैट्रिक छात्रावास के अधीक्षक को हटाने के लिए मंडल संयोजक को बच्चों ने चिट्ठी लिखी थी, लेकिन एक महिने बाद भी अधीक्षक नहीं हटे तो जागरूक युवाओं से शिकायत की और मीडिया को जानकारी दी। छात्रों ने बताया कि, छात्रावास में बेडशीट नहीं है और पर्याप्त बेड भी नहीं है, बिना बेडशीट के बच्चे गद्दा के उपर सोते हैं, कंबल भी नहीं है। अधीक्षक महिने में एक बार 10 मिनट के लिए आता है, फिर महिने भर गोल हो जाता है। इस कारण हॉस्टल में रहने के लिए फटे गद्दे में सोना मजबूरी है।
अंधेरे में रहने को मजबूर है छात्र
Bhanupratappur News: इतना ही छात्रावास में बच्चों के लिए बल्ब भी नसीब नहीं है। सेनानी कंगलू कुम्हार कक्ष में बल्ब नहीं है। यहां बच्चे अंधेरे में रहते हैं। अधीक्षक सिर्फ रिकार्ड में है। बताया गया कि, हॉस्टल अधीक्षक महिने भर नदारद रहता है। बच्चों की मजबूरी है, हॉस्टल में यदि रहना है, तो अंधेरा सहना पड़ेगा।
बच्चों ने बताया – चार दिन से खा रहे दाल
Bhanupratappur News: छात्रावास में रहने वाले बच्चे टूटे बेड में तेल टीना टिकाकर सो रहे हैं। वहीं मीनू के आधार पर बच्चों को सब्जी भी नहीं मिल रही है। बच्चों ने कहा कि, आज तक मीनू का पालन नहीं हुआ है। 4 दिन से दाल खा रहे हैं। कभी कभी सोयाबीन बड़ी और आलू नसीब होता है। जैसे छात्रावास के बच्चों ने बताया कि, टायलेट की टंकी भरी हुई है, सफाई नहीं कराई जा रही है, रात हो या दिन शौच के लिए जंगल जाते हैं। मूल रूप से ये जनपद पंचायत दुर्गूकोंदल का प्रशिक्षण भवन है। यहां छात्रावास संचालित किया जा रहा है। खुद का भवन तक नहीं है अब देखना ये है कि छात्रों की परेशानियों को दूर करने शासन व प्रशासन के द्वारा क्या कदम उठाया जाता है।

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