उप्र : धर्मांतरण के आरोपी जलालुद्दीन के कांप्लेक्स से ईडी ने दस्तावेज एकत्र किए

उप्र : धर्मांतरण के आरोपी जलालुद्दीन के कांप्लेक्स से ईडी ने दस्तावेज एकत्र किए

उप्र : धर्मांतरण के आरोपी जलालुद्दीन के कांप्लेक्स से ईडी ने दस्तावेज एकत्र किए
Modified Date: July 18, 2025 / 01:58 pm IST
Published Date: July 18, 2025 1:58 pm IST

बलरामपुर (उप्र), 18 जुलाई (भाषा) बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करने और विदेशों से हवाला के जरिए धन प्राप्त करने के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों के प्रतिष्ठानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद छांगुर के काले कारनामों की परतें खुलने लगी हैं।

बलरामपुर के उतरौला में बृहस्पतिवार देर शाम तक चली ईडी की छापेमारी में यहां स्थित ताजुद्दीन कांप्लेक्स के रहस्य से पर्दा उठ गया। करोड़ों रुपये के निवेश से बने इस कांप्लेक्स की जमीन छांगुर ने नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर करीब छह वर्ष पूर्व खरीदी थी।

सूत्रों ने बताया कि 1500 वर्ग फुट के भूभाग में बने इस कांप्लेक्स को मलिक नाम के व्यक्ति ने छांगुर के हाथों बेचा था जिसमें नीतू उर्फ नसरीन ने अशवी नाम से बुटीक खोल रखा था। ईडी की 12 घंटे से ज्यादा चली छापेमारी में अशवी बुटीक से कई अहम दस्तावेज और अहम जानकारियां मिली हैं जो जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और नसरीन के राज खोलेंगी।

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उन्होंने बताया कि अशवी बुटीक से मिले अहम दस्तावेज ईडी के अधिकारी अपने साथ ले गए है। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके गिरोह में शामिल गुर्गों की करोड़ों की संपत्ति कहां से अर्जित की गई, यह पता लगाने के लिए ईडी की टीम ने छांगुर की मध्यपुर कोठी के सभी बंद कमरों की तलाशी ली।

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड माना जाता है। वह बलरामपुर जिले का है और उसका असली नाम करीमुल्ला शाह है। हाल ही में जलालुद्दीन, उसके बेटे महबूब और साथी नवीन उर्फ जमालुद्दीन और नीतू उर्फ नसरीन को उप्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया और वर्तमान में ये चारों जेल में हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस स्वयंभू धर्मगुरु की फंडिंग और संपर्क सूत्रों की जांच कर रहा है। ईडी ने जांच में पाया है कि जलालुद्दीन ने अपने और अपने साथियों के 40 बैंक खातों में करीब 106 करोड़ रुपये जमा किये जिसमें से ज्यादातर पैसा पश्चिम एशिया से आया है।

इस एजेंसी का आरोप है कि जलालुद्दीन ने एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया था जो चांद औलिया दरगाह परिसर से संचालित हो रहा था। इस परिसर में वह नियमित तौर पर विशाल सभाएं आयोजित करता था जिसमें भारतीय और विदेशी नागरिक शामिल होते थे।

भाषा सं राजेंद्र नरेश मनीषा

मनीषा


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