गरियाबंद: Gariaband Road Accident: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक बार फिर सड़क हादसे ने दो जिंदगियां छीन लीं। नेशनल हाइवे 130C पर तौरेगा मोड़ के पास तेज रफ्तार कार और बाइक की आमने-सामने की टक्कर में मैनपुर के जाड़ापदर निवासी राधेश्याम नायक और उनकी पत्नी कामा बाई नायक की दर्दनाक मौत हो गई।
Gariaband Road Accident: हादसे में राधेश्याम नायक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल कामा बाई को गरियाबंद से रायपुर रेफर किया गया लेकिन रास्ते में ही उनकी भी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही जांगड़ा पुलिस मौके पर पहुंची और कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
Gariaband Road Accident: स्थानीय लोगों का कहना है कि NH-130C पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाएं अब चिंता का विषय बन गई हैं। लापरवाही से वाहन चलाने और स्पीड कंट्रोल की कमी इन हादसों का प्रमुख कारण बन रही है।
NH-130C पर बार-बार होने वाले "सड़क हादसों" का मुख्य कारण क्या है?
NH-130C पर होने वाले "सड़क हादसों" का मुख्य कारण तेज रफ्तार, लापरवाही से वाहन चलाना और स्पीड नियंत्रण की कमी है। सड़क पर पर्याप्त चेतावनी संकेत और निगरानी की भी जरूरत है।
क्या पीड़ित परिवार को "सड़क हादसे" में मुआवजा मिलता है?
हाँ, "सड़क हादसे" में जान-माल की हानि पर पीड़ित या उनके परिजनों को बीमा और सरकारी योजनाओं के तहत मुआवजा मिल सकता है, लेकिन इसके लिए उचित दस्तावेज़ और एफआईआर जरूरी होती है।
"सड़क हादसा" होने पर तुरंत क्या करें?
"सड़क हादसे" के बाद तुरंत एंबुलेंस (108) को कॉल करें, पुलिस को सूचित करें (100), और घायलों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर प्राथमिक उपचार दें। दुर्घटनास्थल की फोटो और गवाह जुटाना भी महत्वपूर्ण होता है।
क्या हाईवे पर "सड़क हादसा" रोकने के लिए प्रशासन कदम उठा रहा है?
प्रशासन अक्सर जागरूकता अभियान, गति सीमा नियंत्रण और निगरानी कैमरों जैसे उपाय करता है, लेकिन NH-130C जैसे मार्गों पर स्थायी समाधान के लिए और अधिक कठोर कदमों की आवश्यकता है।
क्या "सड़क हादसा" के मामलों में कार चालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है?
जी हाँ, यदि "सड़क हादसे" में कार चालक की लापरवाही साबित होती है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304A (लापरवाही से मृत्यु) समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाती है।