GGU Vice Chancellor Prof. Chakrawal meets Governor Anusuiya Uikey

GGU के कुलपति प्रो. चक्रवाल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से की मुलाकात, विश्वविद्यालय के कार्यों की दी जानकारी

GGU के कुलपति प्रो. चक्रवाल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से की मुलाकात : GGU Vice Chancellor Prof. Chakrawal meets Governor Anusuiya Uikey

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : August 18, 2022/7:40 pm IST

बिलासपुर। गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने आज राज्यपाल अनुसुइया उइके से राजभवन में भेंट की। इस अवसर पर कुलपति ने स्वरचित संपादित पुस्तक ‘‘बिरसा मुंडा- जनजातीय गौरव‘‘ की प्रति उन्हें भेंट की। यह किताब युवाओं को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा के जीवन, पराक्रम और उच्च आदर्श नैतिक मूल्यों का संदेश देती है।

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इस मुलाकात के दौरान कुलपति ने राज्यपाल को गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय की विभिन्न अकादमिक, शोध एवं अनुसंधान की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। कुलपति ने बताया कि राज्य के एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दृष्टिकोण से छत्तीसगढ़ अंचल के स्थानीय युवाओं के सर्वांगीण विकास के अपने सामाजिक दायित्वबोध एवं स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप जनजातीय विद्यार्थियों हेतु ‘‘सेंटर फार इंटीग्रेटेड कम्यूनिटी एम्पावरमेंट एंड सस्टेनेबल डेवेलपमेंट थ्रू ट्रेनिंग ऑफ शैड्यूल्ड ट्राइब इन छत्तीसगढ़‘‘ की स्थापना के लिए 64.57 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया है। इस सेंटर के तहत जनजातीय विद्यार्थियों को निःशुल्क आवासीय सुविधा प्रदान करते हुए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जैसे यूपीएससी, बैंकिंग सेवाएं, राज्य एवं केन्द्र सरकार के ग्रुप ए, बी, सी स्तर की सेवाएं, निजी क्षेत्रों में उपलब्ध विभिन्न रोजगारों के लिए विद्यार्थियों को अकादमिक कौशल एवं भाषाई दक्षता हेतु विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। इसके अंतर्गत 100-100 क्षमता वाले बालक एवं बालिका छात्रावासों का निर्माण संपन्न कराया जाएगा। विद्यार्थियों को करियर काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक परामर्श की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। स्थान रिक्त रहने की स्थिति में छत्तीसगढ़ के बीपीएल श्रेणी के विद्यार्थियों को भी यहां प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

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वहीं कुलपति प्रो. चक्रवाल ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय की छत्तीसगढ़ के युवाओं को कौशल विकास के साथ उद्यमिता सहित विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए की गई अभिनव पहल स्वावलंबी छत्तीसगढ़ के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप मूल्य आधारित एवं अनुभवजन्य शिक्षा, कौशल विकास के साथ रोजागर के लिए जागरुकता प्रदान करने हेतु ‘‘शिक्षा के साथ भी, शिक्षा के बाद भी‘‘ की अवधारणा के साथ इस महत्वकांक्षी परियोजना को प्रारंभ किया गया है। इसके लिए पोर्ट्ल भी प्रारंभ कर दिया गया है जिस पर कंपनियां एवं विद्यार्थियों ने पंजीयन प्रारंभ कर दिया है।

इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के युवाओं में असीम संभावनाएं हैं। इस संकल्प के अंतर्गत विद्यार्थी अध्ययनकाल के दौरान किसी पर भार नहीं होगा साथ ही वो भविष्य की चुनौतियों के लिए स्वावलंबन, साहस एवं बुद्धि कौशल से संपन्न होगा। स्वावलंबी छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीआईआई, फिक्की, एसोचैम, जिला उद्योग केन्द्र, जिला उद्योग संघ, सीए, सीएस, आईसीडब्ल्यूए, एमएसएमई एवं राज्य के प्रतिष्ठित उद्यमियों से विचार विमर्श के साथ उद्योगों के अनुसार विश्वविद्यालय में जारी पाठ्यक्रमों में आवश्यक बदलाव किये जा रहे हैं।

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इसके अलावा राज्यपाल को विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को संपूर्ण रूप से लागू करने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर भी कुलपति महोदय ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधोसंचरना विकास के कार्यों की जानकारी भी प्रदान की। कुलपति महोदय ने स्वावलंबी छत्तीसगढ़ में संपूर्ण छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी के साथ ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं का पूरे राज्य के विद्यार्थियों को लाभ हो इसके विषय में एक विस्तृत योजना तैयार किये जाने पर भी राज्यपाल महोदया से चर्चा की।

 
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