राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए गाइडलाइन जारी, प्रति परिवार मिलेगा 6000 रुपए सालाना
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए गाइडलाइन जारी! Guidelines issued for Rajiv Gandhi Rural Landless Agricultural Mazdoor Nyay Yojana
रायपुर: भूमिहीन कृषि मजदूरों की पहचान करने तथा उन्हें वार्षिक आधार पर अनुदान उपलब्ध कराने के लिए शुरु की गई राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस योजना से लगभग 10 लाख से अधिक भूमिहीन कृषि मजदूरों को लाभ होगा। प्रत्येक परिवार को सालाना 6000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
कलेक्टरों को जारी परिपत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है। राज्य में खरीफ सत्र में ही कृषि मजदूरी के लिए पर्याप्त अवसर रहता है, किन्तु इनमें कई भूमिहीन कृषि मजदूर हैं, जिनके पास अपनी स्वयं की भूमि नहीं है। रबी सत्र में फसल क्षेत्राच्छादन कम होने के कारण कृषि मजदूरी के लिए अवसर भी कम हो जाते हैं।
ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, घोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि, कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को अनुदान सहायता राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के साथ ‘‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
योजनांतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के मुखिया को निर्धारित समयवधि में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के पोर्टल आरजीजीबीकेएमएनवाय डाट सीजी डाट एनआईसी डाट इन (rggbkmny.cg.nic.in) में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। पोर्टल में पंजीयन का कार्य 01 सितम्बर से 30 नवम्बर 2021 तक किया जायेगा।
पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज-आधार कार्ड, बैंक पासबुक के छाया प्रति के साथ आवेदन सचिव, ग्राम पंचायत के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। आवेदन में यथा संभव मोबाईल नम्बर का भी उल्लेख करना होगा। हितग्राही परिवार आवेदन की पावती ग्राम पंचायत सचिव से प्राप्त कर सकेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में भुईया रिकार्ड के आधार पर ग्रामवार बी-1 तथा खसरा की प्रतिलिपि चस्पा की जायेगी। जिससे भू-धारी परिवारों की पहचान स्पष्ट को सके तथा भूमिहीन परिवारों को आवेदन भरने में सुविधा प्राप्त हो सके।

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