Chhattisgarh News: संविदा पर कार्यरत नर्स ने दिया बेटी को जन्म, लेकिन अस्पताल ने नहीं दिया मातृत्व अवकाश वेतन, अब कोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब

Chhattisgarh News: संविदा पर कार्यरत नर्स ने दिया बेटी को जन्म, लेकिन अस्पताल ने नहीं दिया मातृत्व अवकाश वेतन, अब कोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब

Chhattisgarh News: संविदा पर कार्यरत नर्स ने दिया बेटी को जन्म, लेकिन अस्पताल ने नहीं दिया मातृत्व अवकाश वेतन, अब कोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब

Chhattisgarh News || Image- BILASPUR high court file

Modified Date: August 1, 2025 / 10:29 pm IST
Published Date: August 1, 2025 10:29 pm IST
HIGHLIGHTS
  • संविदा नर्स को मातृत्व अवकाश का वेतन नहीं मिला, हाईकोर्ट सख्त
  • कोर्ट ने कहा– "मातृत्व अधिकार अफसरों की मर्जी से नहीं चलता"
  • वेतन भुगतान में देरी पर शासन को तलब किया गया, अगली सुनवाई अगस्त में

बिलासपुर:  Chhattisgarh News हाईकोर्ट ने संविदा पर कार्यरत नर्स को मातृत्व अवकाश का वेतन भुगतान न करने पर कड़ी आपत्ति की है। सिंगल बेंच ने शासन से पूछा कि पूर्व में कोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक वेतन भुगतान क्यों नहीं किया गया। स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश देते हुए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त 2025 के सप्ताह में होगी।

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Chhattisgarh News न्यायालय ने पूर्व में इस प्रकरण में कहा था कि मातृत्व और शिशु की गरिमा के अधिकार को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है। इसे प्रशासनिक अधिकारियों की इच्छा पर निर्भर नहीं किया जा जा सकता। कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता द्वारा मातृत्व अवकाश वेतन की मांग पर नियमानुसार तीन माह के माह के भीतर निर्णय लिया जाए। लेकिन इसके बाद भी मातृत्व अवकाश का वेतन न मिलने पर पीड़ित नर्स ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।

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याचिकाकर्ता राखी वर्मा, जिला अस्पताल ,कबीरधाम में स्टाफ नर्स के रूप में संविदा पर कार्यरत हैं। उन्होंने 16 जनवरी 2024 से 16 जुलाई 2024 तक मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया था। इसे स्वीकृत कर लिया गया। उन्होंने 21 जनवरी 2024 को एक कन्या को जन्म दिया और 14 जुलाई 2024 को पुनः ड्यूटी ज्वाइन की। इसके बावजूद, उन्हें मातृत्व अवधि का वेतन नहीं दिया गया। इससे उन्हें और उनके नवजात को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। उन्होंने 25 फरवरी 2025 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को वेतन की मांग का आवेदन दिया। कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश के बाद भी उसको वेतन का भुगतान नहीं किया गया।


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