रायपुरः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को एक बड़ी धर्मसभा हुई। विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम में ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके 21 परिवारों ने घर वापसी की। साधु-संतों ने घर वापसी करने वाले परिवारों का भगवा गमछा पहनाकर और श्रीफल भेंट कर स्वागत किया।
सभा के पहले दिन जूना अखाड़े के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि-जापान के लोग जापानी हैं, लेबनान के लेबनानी हैं, फ्रांस के फ्रेंच हैं, यूरोप में यूरोपियन, अमेरिका में अमेरिकन तो फिर हिंदुस्तान में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू हैं। उन्होंने कहा-लाखों-लाखों साल पहले हम हिंदू थे। हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे, हिंदू पूरे विश्व को कुटुंब मानता है। किसी को दुख नहीं देना जानता, हिंदू की यही मान्यता है। हिंदू डुबकी लगाता है, वहां छुआछूत नहीं है। इस देश में हम सब बराबर हैं। हम आदिवासियों के बहुत बड़े उपकारी हैं कि वहां शबरी ने राम को रास्ता बताया था। वनवासियों के उपकार को कभी भुलाया नहीं जा सकता। भारत में संत हैं, तीर्थ है, यहां का भविष्य कोई नहीं बिगाड़ सकता।
Read More : फटाफट करें चेक कहीं आपका आधार कार्ड फर्जी तो नहीं? नहीं तो हो सकते है फर्जीवाड़े का शिकार
अवधेशानंद गिरी ने कहा-छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया, यहां बड़े ही भोले और नैसर्गिक प्राणी हैं। यहां का रायपुर अद्भुत दिखाई पड़ता है। हनुमान चालीसा सप्ताह में एक दिन अवश्य करें और हर दिन मंदिर जाएं, जिस दिन हिंदू कट्टर हो गया। पूरी धरती पर शांति और समाधान के मार्ग खुल जाएंगे। इस धरती पर हिंसा नहीं रहेगी। संत यात्रा जागरण की यात्रा है, संत द्वार पर आए तो भगवान द्वार पर आ गए मेरा यह मानना है। जिस दिन हिंदू कट्टर हो गया, वह शिव की तरह धर्म की रक्षा के लिए अपने अंगों को काटने के लिए तैयार हो जाएगा। पश्चिम की प्रवृत्ति बाजार की है। ईस्ट इंडिया कंपनी यहां बाजार देखने आए थे। पूरा संसार हिंदू की दृष्टि में परिवार है।