SarkarOnIBC24 : राहुल की नई ‘यात्रा’, ‘यात्रा’ से Congress को कितना फायदा?
Bharat Jodo Nyay Yatra : मिशन-24 को फतह करने राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-2 कल मणिपुर से निकलेगी
Bharat Jodo Nyay Yatra
रायपुर : Bharat Jodo Nyay Yatra : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता अपनी हार नहीं पचा पा रहे हैं, लेकिन मिशन-24 को फतह करने राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-2 कल मणिपुर से निकलेगी। यात्रा को लेकर कांग्रेस नेता बेहद उत्साहित हैं तो बीजेपी तंज कस रही है कि नई यात्रा का असर भी पुराने यात्रा की तरह ही होगा।
Bharat Jodo Nyay Yatra : राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा अब मणिपुर की राजधानी इंफाल की जगह अब करीब 30 किमी दूर थौबुल से शुरू होगी। राज्य सरकार की शर्तों की वजह से कांग्रेस ने यात्रा में थोड़ा बदलाव किया है। ये यात्रा मणिपुर से निकलकर महाराष्ट्र में खत्म होगी। ये वही राज्य हैं जहां कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की संभावनाएं बेहतर हैं। कांग्रेस का दावा है कि राहुल गांधी की राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय और मजबूत छवि इंडी गठबंधन के लिए भी मददगार होगी। कांग्रेस का दावा कितना सही साबित होता है, ये तो वक्त बताएगा।
भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-2 की खास बात ये है कि इस बार राहुल गांधी की यात्रा छत्तीसगढ़ से भी गुजरेगी। यहां 5 दिन में राहुल गांधी 7 जिलों और 5 लोकसभा क्षेत्र को कवर करेंगे। यात्रा में शामिल होने के लिए पीसीसी चीफ दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और पूर्व मंत्री शिव डहरिया मणिपुर रवाना हो गए हैं। इधर बीजेपी राहुल पर तंज कस रही है कि न्याय यात्रा के बजाय राहुल को ज्ञान यात्रा निकालनी चाहिए।
Bharat Jodo Nyay Yatra : छत्तीसगढ़ से होते हुए राहुल की यात्रा मध्यप्रदेश का रुख करेगी। यहां 7 दिन के अंदर 9 जिलों और 6 लोकसभा सीटों को कवर करेगी। राहुल की यात्रा में इस बार भी मध्यप्रदेश के नेताओं का अहम रोल है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी सहित कई नेता राहुल की यात्रा में शामिल होने मणिपुर रवाना हो चुके हैं। यात्रा के पहले चरण में भी जीतू पटवारी को सहप्रभारी बनाया गया था। कांग्रेस का दावा है कि ये यात्रा 24 के चुनाव में विपक्षी गठबंधन को निर्णायक बढ़त दिलाएगी तो बीजेपी अपने लिए यात्रा को कोई चुनौती नहीं मान रही।
बहरहाल लोकसभा चुनाव में करीब 4 से 5 महीने रह गए हैं। एक तरफ बीजेपी जहां मिशन 400 पार के नारा को सफल बनाने माइक्रो लेवल की रणनीति पर काम कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस राहुल की यात्रा के जरिए सियासी माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में बड़ा सवाल ये कि क्या 2024 की रेस कांग्रेस यात्रा वाली पॉलिटिक्स से जीत पाएगी।

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