शह मात The Big Debate: धर्मांतरण..गिरफ्तारी..सवाल..केरल क्यों बन रहा ढाल? धर्मांतरण पर जारी रण कैसे थमेगा? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG News: धर्मांतरण..गिरफ्तारी..सवाल..केरल क्यों बन रहा ढाल? धर्मांतरण पर जारी रण कैसे थमेगा? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG News | Photo Credit: IBC24
- छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 2 ननों की गिरफ्तारी ने नया विवाद खड़ा किया
- केरल के सीएम ने पीएम को पत्र लिखा
- धर्मांतरण को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
रायपुर: CG News छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर दो तरफा मोर्चे खुले हुए हैं। इस बार दो-दो सरकारें आमने-सामने दिखती हैं। मुद्दे पर संसद तक में हंगामा है। प्रदेश में एक तरफ कांकेर में दफ्न लाश को लेकर तनाव चरम पर है, तो दूसरी तरफ, 2 ननों की गिरफ्तारी पर, दिल्ली से लेकर केरल तक शोर मचा है। जाहिर है कि धर्मांतरण के दोनों मामलों में पुलिस-प्रशासन अपना-अपना काम कर रही है। हर बार की तरह प्रशासन के सामने भी दोहरी चुनौती है। सवाल है तो धर्मांतरण गिरोह और इसके अंतर-राज्यीय गठजोड़ को लेकर सवाल ये है कि एक चुनी हुई सरकार अपने राज्य में धर्मांतरण को लेकर, शिकायत पर एक्शन में है तो फिर केरल सरकार की इस पर सीधे PM से हस्तक्षेप की मांग क्या धर्मांतरण हितैषी चेहरे को उजागर नहीं करती क्या ऐसे संवेदनशील मामलों में सियासी राग छेड़ना जरूरी है?
धर्मांतरण पर छत्तीसगढ़ में की सियासत में आग उगलते बयान अक्सर आते रहे हैं, लेकिन अब धर्मांतरण पर दो सरकारों के बीच का मामला बनता दिख रहा है। केरल के CM पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर, छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार ननों को न्याय दिलाने की मांग की, तो केरल कांग्रेस ने मामले में बीजेपी और संघ को घेरा, AICC महासचिव के सी वेणुगोपाल इसे सीधे-सीधे बीजेपी शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर हमला बताया, तो राहुल गांधी ने इसे लेकर X-पोस्ट कर बीजेपी सरकार को घेरा। मुद्दे पर संसद के बाहर भी प्रदर्शन किया गया। केरल सरकार और कांग्रेसी दिग्गजों के जुबानी वार पर छग के बीजेपी नेताओं ने भी जमकर पलटवार किया। बीजेपी ने उल्टे कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि अब खुलकर सामने आ रहा है कि कैसे पिछली भूपेश सरकार में धर्मांतरण को बढ़ावा दिया। वहीं, इधर छग कांग्रेस ने नन केस में एक्शन पर सवाल उठाते हुए, जांच की मांग की।
दरअसल, ये पूरा विवाद शुरू हुआ जब दुर्ग GRP ने 2 दिन पहले दो कैथोलिक नन को छग पुलिस ने, बजरंग दल पदाधिकारी की शिकायत पर गिरफ्तार किया। ननों पर आरोप है कि वो नारायणपुर की तीन लड़कियों को जबरन धर्मांतरित कर उनकी तस्करी कर रहे हैं। दूसरी तरफ कांकेर के जामगांव, बीते कई घंटों से भारी तनाव है, की स्थिति बनी हुई है, गांव के सोमलाल राठौर की मौत के बाद परिजनों ने ईसाई रीति रिवाज से निजी जमीन पर उसे दफना दिया जिसे लेकर आधा दर्जन गांव के लोग आक्रोशित होकर जमा हो गए, लाख समझाने के बाद भी जब ग्रामीण ना माने तो, मृतक के शव को कब्र से बाहर निकालकर उसे गांव की आदिवासी परंपरा से अंतिम संस्कार किये जाने पर उग्र आंदोलन और चक्काजाम हुआ। मामला संभालने में भारी पुलिस बल तैनात रहा, जिला प्रशासन के भी हाथ-पैर फूले रहे।
कुल मिलाकर धर्मांतरण को लेकर बार-बार विवाद, संघर्ष और बयानों पर सरकार हर बार जल्द कड़े कानून बनाने का ऐलान करती है। बावजूद इसके लगातार सामने आते मामले सवाल उठा रहे हैं कि धर्मांतरण को आखिर किसका साथ, किसका संरक्षण, हासिल है? कौन है जो ऐसे संवेदनशील मसले पर अपना सियासी एजेंडा पूरा कर रहा है?

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