रायपुरः Vishnu Ka Sushasan छत्तीसगढ़ में पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने वाली साय सरकार की लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। जब से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रदेश की सत्ता की कमान संभाले हैं, तब से छत्तीसगढ़ में सुशासन दिख रहा है। किसान खुश हैं, महतारियों के चेहरे खिले हुए हैं। युवाओं में भी एक अलग तरह जोश दिखाई दे रहा है। साय ने अपने अल्प कार्यकाल में ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूत करने का काम किया है।
Vishnu Ka Sushasan छत्तीसगढ़ की अधिकांश आबादी कृषि से जुड़ी है और अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन का कार्य भी करती है। साय सरकार केवल अन्न उत्पादक किसानों के लिए काम नहीं किए हैं, पशुपालक किसानों के भी योजनाएं बनाई है। छत्तीसगढ़ में श्वेत क्रांति की तर्ज पर डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने और किसानों व पशुपालकों की आय दोगुनी करने की दिशा में राज्य सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। दुग्ध उत्पादन को लाभकारी व्यवसाय बनाने और प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के सहयोग से एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके तहत व्यापक स्तर पर कार्य किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार लगभग 5 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 6 जिलों को शामिल किया गया है और सफल क्रियान्वयन के बाद इसे पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा।
बीतें दिनों पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा मुख्यमंत्री साय ने कहा था कि डेयरी उद्योग के विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही, प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा, जिससे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आएगा।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में वृद्धि और सरप्लस दूध के उपयोग को लेकर ठोस कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि दूध उत्पादन से जुड़े किसानों और पशुपालकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए ताकि वे आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी आय को बढ़ा सकें। साय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए दृढ़संकल्पित है।
साय सरकार हमेशा अपनी दुरवर्ती सोच के लिए लोगों के दिल में एक खास जगह बनाई है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के सहयोग से 6 जिलों में शुरू किए गए प्रोजेक्ट से न सिर्फ पशुपालक किसान सशक्त होंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। इसके अलावा रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही, प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा, जिससे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आएगा।