Chhattisgarh Ki Baat: महिला वोटर्स पर निगाह..आसान किसकी राह? क्या कांग्रेस का महिला समृद्धि सम्मेलन महज चुनावी कार्यक्रम है?
Chhattisgarh Ki Baat: महिला वोटर्स पर निगाह..आसान किसकी राह? क्या कांग्रेस का महिला समृद्धि सम्मेलन महज चुनावी कार्यक्रम है?
रायपुर। Chhattisgarh Ki Baat चुनाव सिर पर हैं हर दल विभिन्न वर्गों को साधने यात्राएं, रैलियां, पंचायत और सम्मेलन में जुटे हैं। ऐसे दौर में प्रदेश की महिलाओं को साधने की कवायद होना बहुत स्वाभाविक है। एक तरफ देश की संसद में केंद्र सरकार महिला आरक्षण विधेयक पास कर इतिहास रचने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ प्रदेश में महिला समृद्धि सम्मेलन के जरिए सत्तासीन कांग्रेस ने महिलाओं की तरक्की के लिए योजनाओं-घोषणाओँ और कामों को सामने रख पार्टी के लिए समर्थन मांगा है।
Chhattisgarh Ki Baat कुछ इस अंदाज में कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने भिलाई के जयंती स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय महिला समृद्धि सम्मेलन के मंच पर महिलाओं के हक की बात की। मंच से पहले वो प्रदेश में महिलाओं के लिए चल रही योजनाओं से जुड़ी प्रदर्शनी के अवलोकन के लिए पहुंची। स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ सेल्फी ली। उनके साथ उन्हीं के रंग में रंगकर सुआ नाच किया। इसके अलावा उन्होंने ढेरों योजनाओं और विकास कार्यों का लोकार्पण और शुभारंभ किया। प्रियंका ने महिला समृद्धि सम्मेलन के मंच से भूपेश सरकार के कामों की जमकर प्रशंसा की और महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा।
पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रियंका के साथ, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, PCC चीफ दीपक बैज का साथ प्रदेश कैबिनेट के मंत्री और वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। मंच से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी केंद्र पर करार प्रहार किया।
इधर, भाजपा ने कांग्रेस के महिला समृद्धि सम्मेलन पर निशाना साधते हुए। केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार के महिला आरक्षण विधेयक पास करवाने को ऐतिहासिक बताते हुए। ना सिर्फ 2024 बल्कि 2023 में भी इस मुद्दे पर लीड लेने की कोशिशें तेज कर दी हैं।
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एक तरफ खराब मौसम के बावजूद कांग्रेस के महिला सम्मेलन में भारी संख्या में महिलाओं और कार्यकर्ताओं के मौजूदगी तो दूसरी तरफ नए संसद भवन में भाजपा सरकार का, सारे विपक्ष को साधकर, महिला आरक्षण बिल को दमदारी पास कराना। साफ करता है कि आधी आबादी को साधने में कोई भी पक्ष ना तो पीछे रहना चाहता है और ना सुस्त पर असल सवाल वही है देश-प्रदेश की महिलाएं किस के साथ हैं वो किसके साथ सुरक्षा, न्याय और विकास देखती हैं।

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