Janjgir: जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से परेशान अभिभावक, जिला प्रशासन से राजधानी तक लगाई गुहार

Janjgir: जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से परेशान अभिभावक, जिला प्रशासन से राजधानी तक लगाई गुहार Parents upset due to not making caste certificat

Janjgir: जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से परेशान अभिभावक, जिला प्रशासन से राजधानी तक लगाई गुहार

Parents upset due to not making caste certificate of students

Modified Date: July 4, 2023 / 04:34 pm IST
Published Date: July 4, 2023 4:33 pm IST

जांजगीर-चाम्पा: Parents upset due to not making caste certificate of students जांजगीर-चाम्पा के बलौदा ब्लॉक के कुदरी ग़ांव के सोनझरी जाति के छात्र-छात्राओं का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है और छात्र-छात्राओं को योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से परेशान होकर अभिभावकों ने बड़ा फैसला ले लिया है कि वे स्कूल में अपने बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे। कुछ अभिभावकों ने स्कूल में टीसी निकालने आवेदन भी दे दिया है।

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विडंबना है कि इस मसले की जानकारी के बाद भी शिक्षा विभाग के अफसर, अभिभावकों से बात करने कुदरी ग़ांव नहीं पहुंचे है। हालांकि, अपर कलेक्टर एसपी वैद्य ने समस्या निराकरण करने और छात्र-छात्राओं के परिजन से बात करने की बात कही है।

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दरअसल, जांजगीर-चाम्पा जिले में सोनझरी जाति के 5-6 हजार लोग रहते है और प्रदेश में इनकी संख्या लाखों में है। जब तक मैन्युल जाति प्रमाण पत्र बनता था तब तक सोनझरी जाति के छात्र-छात्राओं का जाति प्रमाण पत्र बन रहा था। इस दौरान ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद मात्रात्मक त्रुटि की वजह से अब सोनझरी जाति के छात्र-छात्राओं का प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है। सोनझरी जाति को ऑनलाइन प्रक्रिया में सोनझारी दिखाता है और मात्रा की त्रुटि की वजह से सोनझरी जाति के छात्र-छात्राओं का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है।  सोनझरी जाति के लोगों ने इस समस्या को लेकर कई बार गुहार लगाई।

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जिला प्रशासन से राजधानी तक चक्कर काटा, लेकिन जब उनके आस का बांध फूट गया तो अब छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने बड़ा फैसला ले लिया है कि जब जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है और ना ही सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है तो स्कूल में पढ़ाने का क्या मतलब। इस तरह टीसी निकलवाने कुछ अभिभावकों ने आवेदन भी स्कूल में दे दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस गम्भीर मसले के बारे में शिक्षा विभाग के अफसरों को पता है, फिर भी अभिभावकों से बात करने कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचे है।

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