पखांजुर। मुख्यालय से महाराष्ट्र जाने के लिए 3 सड़क मार्ग है, जिसमें पखांजुर से छोटेबेठिया होते हुए ताराबेली से महाराष्ट्र सीमा तक जो सड़क घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र व बहुत ही जर्जर थी। जिसमें बड़ी गाड़ी तो दूर की बात बाइक चलाने को भी दिक्कत होता था। इस कारण कई गांव के लोग 100 से 125 किलोमीटर घूम कर पखांजुर होते हुए महाराष्ट्र जाते थे।
क्षेत्र के निवासियों का महाराष्ट्र में आना जाना आज बहुत ही आसान हो गया, जब से अंदुरनी क्षेत्र में पुलिस थाना व BSF कैम्प बिठाया गया। इन्ही के माध्यम से आज जिस सड़क पर लोग चल नहीं पाते थे, नक्सलियो का आतंक रहता था और शाम ढलते ही लोग बाहर निकलना बंद हो जाता था, पूरा इलाका सुनसान हो जाता था। दिन को भी लोग निकलने में डरते थे, आज लोग चमचमाती सड़क पर निडर होकर निकलते हैं।
गाड़िया दौर रही है क्षेत्र के लोगों को बहुत ही कम दूरी व कम समय में महाराष्ट्र अपनी गणतब्य स्थान पहुंच जाना होता है। आजादी के बाद पहली बार छोटेबेठिया से ताराबेली सड़क का निर्माण हुआ। वो भी विगत कुछ सालों में, जिसका श्रेय जिले के पुलिस प्रशासन, BSF व प्रदेश के भूपेश बघेल सरकार को जाता है।
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