Dantewada Naxal News: नक्सल विरोधी अभियान से बौखलाए नक्सली, ग्रामीण को उतारा मौत के घाट

Dantewada Naxal News: दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के नीलावाया गांव में नक्सलियों ने ग्रामीण को मौत के घाट उतारा है।

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  • Publish Date - September 17, 2025 / 09:57 AM IST,
    Updated On - September 17, 2025 / 10:11 AM IST

Dantewada Naxal News/Image Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या।
  • नीलावाया गांव के बंडी कोर्राम की हत्या।
  • 4 साल पहले बेटे की भी नक्सलियों ने की थी हत्या।

Dantewada Naxal News: दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ समय से नक्सलियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों द्वारा लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। सुरक्षाबलों के जवान अभियान चलाकर नक्सलियों का खात्मा करने में लगे हुए हैं। सुरक्षाबलों दवाई की जा रही कार्रवाई से नक्सली बौखला और घबरा गए हैं। एक तरफ जहां नक्सलियों ने पत्र लिखकर वार्ता की अपील की है, तो वहीं दूसरी तरफ नक्सलियों ने एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया है।

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नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या

Dantewada Naxal News:मिली जानकारी के अनुसार, अरनपुर थाना क्षेत्र के निलावाया गांव में गुरुवार देर रात नक्सलियों ने ग्रामीण बंडी कोर्राम की हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार, हथियारबंद नक्सली गांव में पहुंचे और बंडी कोर्राम को घर से बाहर बुलाकर धारदार हथियार से वार किया। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, बंडी कोर्राम का परिवार पहले से नक्सलियों के निशाने पर था। करीब चार साल पहले उनके बेटे हरेंद्र कोर्राम की भी नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। उस घटना के बाद परिवार को सांत्वना देने के लिए सरकार ने मृतक के परिजन को सहायता राशि और उनकी बेटी को पुलिस विभाग में नौकरी दी थी। पुलिस का कहना है कि यह घटना नक्सलियों की दहशत फैलाने की कोशिश है। घटना की जानकारी मिलते ही अरनपुर थाना पुलिस और सुरक्षा बल गांव पहुंचे, मामले की जांच की जा रही है ।

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सुरक्षाबलों ने तेज किया नक्सल विरोधी अभियान

Dantewada Naxal News: बता दें कि, सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ समेत देशभर में नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिए गए है। केंद्र की सरकार अगले साल के मार्च महीने तक देशभर के माओवाद प्रभावित राज्यों से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसका परिणाम भी देखने को मिल रहा है। पिछले दो सालों में माओवादी संगठनों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में उनके शीर्ष नेता और प्रतिबंधित माओवादी पार्टी के महासचिव केशवराव उर्फ़ बसवा राजू को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था। सूत्रों की माने तो लगातार चलाये जा रहे इस ऑपरेशन के बाद कभी नक्सलियों के केंद्रीय कमेटियों के सदस्यों की संख्या 40 सिमटकर मात्र 9-10 ही रह गई है। लाल लड़ाकों का थिंक टैंक पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके है।

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माओवादियों ने जारी किया पत्र

Dantewada Naxal News: माओवादियों के सीसी मेंबर अभय की और से जारी इस कथित पत्र में उन्होंने हथियार छोड़ने की बात कही है। पत्र में लिखा है, “शांति वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए, हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि बदली हुई दुनिया और देश की परिस्थितियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के अनुरोध को देखते हुए, हमने हथियार छोड़ने का फैसला किया है। हमने सशस्त्र संघर्ष पर अस्थायी रोक लगाने का फैसला किया है। भविष्य में, हम सभी राजनीतिक दलों और संघर्षरत संगठनों के साथ मिलकर जन मुद्दों पर लड़ेंगे।”

इसमें कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन “इस विषय पर केंद्रीय गृह मंत्री या उनके द्वारा नियुक्त व्यक्तियों या प्रतिनिधिमंडल से बात करने के लिए तैयार है।” आगे कहा गया है, “बाद में हम उन साथियों का एक प्रतिनिधिमंडल तैयार करेंगे जो इससे सहमत हैं या इसका विरोध करते हैं और शांति वार्ता में भाग लेंगे।”

छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा सबसे ज्यादा किस जिले में होती है?

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और कांकेर जिले नक्सल प्रभावित क्षेत्र माने जाते हैं।

नक्सल विरोधी अभियान में कौन-कौन सी सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं?

CRPF, DRG, BSF, ITBP और राज्य पुलिस बल मिलकर नक्सल विरोधी अभियान चला रहे हैं।

नक्सल वार्ता को लेकर माओवादियों का क्या रुख है?

हाल ही में माओवादियों ने पत्र जारी कर हथियार छोड़ने और शांति वार्ता में शामिल होने की बात कही है।

पिछले कुछ सालों में नक्सल संगठन को कितना नुकसान हुआ है?

पिछले दो सालों में सुरक्षाबलों की कार्रवाई से नक्सलियों के कई बड़े नेता मारे गए और उनकी केंद्रीय कमेटी बहुत कमजोर हो गई है।

सरकार नक्सल समस्या को कब तक खत्म करने का लक्ष्य रखती है?

केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देशभर से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है।