No shortage of gunny bags for paddy procurement in the state

किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं, धान खरीदी के लिए कभी भी नहीं है बारदाने की कमी

राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कहीं भी बारदाने की कमी नहीं है! No shortage of gunny bags for Paddy

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : November 25, 2022/9:50 am IST

रायपुर: No shortage of gunny bags राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कहीं भी बारदाने की कमी नहीं है। जिलों के भण्डारण केन्द्र, सोसायटियों सहित उपार्जन केन्द्रों में आज की स्थिति में धान खरीदी के लिए इतने बारदाने उपलब्ध हैं कि आगामी एक-सवा माह तक बारदाने की कोई कमी नहीं होगी। खाद्य सचिव टी.के. वर्मा ने बताया कि इस साल राज्य में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के अनुमानित लक्ष्य को देखते हुए 5 लाख 50 हजार नग गठान बारदाने की व्यवस्था शासन द्वारा सुनिश्चित की गई है। राज्य मेंबारदाने की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए 50 प्रतिशत नए और 50 प्रतिशत पुराने बारदाने धान खरीदी की जा रही है। उन्होंने बताया कि धान खरीदी के लिए अब तक जिलों को 2 लाख 97 हजार गठान बारदाना प्राप्त हो चुका है, जिसमें से अभी तक मात्र 70 हजार 250 नग गठान बारदाने का उपयोग धान खरीदी के लिए हुआ है। अभी भी जिलों में धान खरीदी के लिए 2 लाख 27 हजार नग गठान बारदाने उपलब्ध हैं।

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No shortage of gunny bags खाद्य सचिव टी. के. वर्मा ने बताया कि धान खरीदी के लिए राज्य को इस साल भारत सरकार के जूट कमिश्नर से 2 लाख 37 हजार गठान बारदाना मिलना था, जिसमें से 2 लाख 17 हजार गठान बारदाना उपलब्ध हो चुका है। बीते वर्ष का 42 हजार गठान नया बारदाना बचा हुआ था, जिसे मिलाकर राज्य में 2 लाख 80 हजार नग नया बारदाना उपलब्ध है, जिसमें धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग का चावल भी उपार्जित किया जा रहा है। धान खरीदी के लिए बीते वर्ष उपयोग में लाए गए 81 हजार गठान प्लास्टिक के बारदाने सहित शेष 6 हजार गठान नए प्लास्टिक बारदाने के उपयोग के साथ ही पीडीएस और मिलर्स से प्राप्त पुराने बारदाने का उपयोग किया जा रहा है। राज्य के कुछ खरीदी केन्द्रों में पुराने बारदानों में इक्का-दुक्का बारदानों के कटे-फटे मिलने की शिकायतें सामने आई हैं। इसकी जांच की जा रही है और संबंधित आपूर्तिकर्ता के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।

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खाद्य सचिव ने कहा कि उपार्जन केन्द्रों को डिमांड के आधार पर नियमित रूप से बारदाने की आपूर्ति की जा रही है। कलेक्टर के मार्गदर्शन में खाद्य एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी खरीदी की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज की स्थिति में बस्तर जिले में धान खरीदी के लिए मात्र 243 गठान, बीजापुर में 27, दंतेवाड़ा में 02, कांकेर में 2664, कोण्डागांव में 1059, नारायणपुर में 83, सुकमा में 29, बिलासपुर में 2047, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 531, जांजगीर-चांपा में 494, कोरबा में 317, मुंगेली में 2452, रायगढ़ में 556, सक्ती में 203, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1653, बालोद में 7004, बेमेतरा में 6505, दुर्ग में 3620, कवर्धा में 3998, राजनांदगांव में 4954, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 2579, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी में 949, बलौदाबाजार में 4246, धमतरी में 5688, गरियाबंद में 4003, महासमुंद में 8467, रायपुर में 4483, बलरामपुर में 144, जशपुर में 300, कोरिया में 211, सरगुजा में 346 सूरजपुर 244 तथा मनेेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में मात्र 149 गठान इस प्रकार कुल 70,250 गठान बारदाने का ही उपयोग धान खरीदी में हुआ है, जबकि उक्त 33 जिलों को 2 लाख 97 हजार गठान अब तक उपलब्ध कराए जा चुके हैं। धान खरीदी के लिए जिलों में अभी भी 2 लाख 27 हजार गठान बारदाने उपलब्ध हैं।

 

 

 

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