सियासी वार-पलटवार: बर्थडे के बहाने, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और रमन सिंह आमने-सामने!

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का 69वां जन्मदिन है। लेकिन कवर्धा में हुई घटना से दुखी होकर उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाया।

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  • Publish Date - October 15, 2021 / 09:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

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रायपुर। आज बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का 69वां जन्मदिन है। लेकिन कवर्धा में हुई घटना से दुखी होकर उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं मनाया। जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया कि क्या रमन सिंह लखीमपुर की घटना से दुखी नहीं है, क्या रमन सिंह किसानों के आंदोलन से दुखी नहीं है। हालांकि रमन सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में यूपी नहीं छत्तीसगढ़ होना चाहिए। कुल मिलाकर रमन सिंह के बर्थडे के बहाने मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री फिर आमने-सामने हैं। लखीमपुर और कवर्धा के मुद्दे पर दोनों एक दूसरे को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।

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रमन सिंह का ट्वीट
15 अक्टूबर को मेरा जन्मदिन है। लेकिन कवर्धा में हुई घटना के कारण मन व्यथित है। भूपेश सरकार ने मेरे निर्दोष कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर रखा है। मैंने विरोध स्वरूप कवर्धा, राजनांदगांव जिले समते सभी कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया है।

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसी ट्वीट के जरिये अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला लिया। 13 अक्टूबर को अपने ट्विटर हैंडल पर रमन सिंह ने इसे साझा करते हुए बताया कि वो कवर्धा में हुई सांप्रदायिक घटना को लेकर बेहद दुखी है। इसलिए अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे। जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज करते हुए सवाल किया कि। क्या रमन सिंह लखीमपुर की घटना से दुखी नहीं है, क्या रमन सिंह किसानों के आंदोलन से दुखी नहीं है। हालांकि सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दी।

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हालांकि मुख्यमंत्री के इस बयान पर रमन सिंह ने पलटवार किया कि लखीमपुर की घटना से पूरी बीजेपी दुखी है। लेकिन इस घटना पर प्रदेश सरकार का रिएक्शन क्या होता है, ये महत्वपूर्ण है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में यूपी नहीं छत्तीसगढ़ होना चाहिए।

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जाहिर है कवर्धा में इस महीने के पहले सप्ताह में दो संप्रदायों के बीच विवाद हो गया था। इसकी वजह से कवर्धा में कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस मामले में लोगों को भड़काने के आरोप में रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह समेत कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है। जिसके बाद बीजेपी कवर्धा हिंसा से ज्यादा लखीमपुर की घटना को तरजीह देने पर राज्य सरकार को लगातार कठघरे में खड़ा करती रही है। अब सवाल ये है कि रमन सिंह के जन्मदिन पर लखीमपुर बनाम कवर्धा की ये लड़ाई आखिर कहां जाकर खत्म होगी?

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