Bastar is a big center of tourism
Bastar is a big center of tourism: रायपुर। वैसे तो धरती को स्वर्ग कहा जाता है, लेकिन अगर बस्तर को छत्तीसगढ़ का स्वर्ग कहा जाए तो ये कहीं भी गलत नहीं होगा। बस्तर दुनिया भर में सिर्फ वनों के लिए नहीं बल्कि अपनी अनूठी सममोहक संस्कृति के लिए पहचाना जाता है। यहां के आदित जनजातियों की परंपराएं, लोकगीत, लोक नृत्य, स्थानीय भाषा, शिल्प एवं लोक कला की पूरी दुनिया कायल है। आज आईबीसी 24 ये जानने की कोशिश कर रहा है कि सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा या नहीं। बता दें कि आईबीसी 24 सदा से जनता की आवाज और जनहित की बात सरकार तक पहुंचाने का माध्यम बना है और हमेशा इस बात पर अडिग रहेगा कि ‘सवाल आपका है’
बस्तर अपनी कुदरती सुंदरता.. मनोरम दृश्यों..और पुरातात्विक स्थलों के चलते अपनी पहचान बना चुका है। केशकाल टाटामारी लिहाजा जलप्रपातों को देखने हरदिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। वन विभाग ने इसकी सुंदरता को निखारने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है। केशकाल वनमण्डलाधिकारी ने महिला समूह और ग्रामीण युवाओं को पर्यटन स्थलों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए विशेष पहल की है।
सैलानियों की सुविधा के लिए प्रशासन केशकाल इको टूरिज्म नामक ऑनलाइन वेबसाइट तैयार किया है। जिसके माध्यम से बाहरी पर्यटक सीधा संपर्क कर सकते हैं। वेबसाइट के जरिए केशकाल पहुंचने वाले सैलानियों को रुकने के लिए 5 रूम और 4 उड़न कॉटेज उपलब्ध हैं। वहीं महिला समूह की ओर से देसी खाने का भी व्यवस्था किया जाती है। केशकाल विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायक नीलकंठ टेकाम इन पर्यटन स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से अनेकों योजनाएं बना रहे हैं।
Bastar is a big center of tourism: चूंकि नीलकंठ टेकाम कोंडागांव जिले के कलेक्टर भी रह चुके हैं। इसलिए टेकाम यहां की भौगोलिक स्थिति को बखूबी जानते हैं। बतौर कलेक्टर कोंडागांव जिले के मर्दापाल से मुरनार तक लिंगोपथ सड़क का निर्माण शुरू करवाया था। यह लिंगोपथ मार्ग क्षेत्र के ज्यादातर जलप्रपातों और पुरातात्विक स्थलों को जोड़ता है। इसलिए स्थानीय प्रशासन और सरकार के सहयोग के बस्तर जल्द ही पर्यटन का बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा।