Dhan Kharidi Latest News: धान खरीदी को लेकर जरूरी खबर, अब ये किसान ही सोसाइटी में बेच पाएंगे धान, साय सरकार ने बनाई नई व्यवस्था

धान खरीदी को लेकर जरूरी खबर, अब ये किसान ही सोसाइटी में बेच पाएंगे धान, Only farmers registered in System Agristack Portal will now be able to sell paddy

Dhan Kharidi Latest News: धान खरीदी को लेकर जरूरी खबर, अब ये किसान ही सोसाइटी में बेच पाएंगे धान, साय सरकार ने बनाई नई व्यवस्था
Modified Date: August 20, 2025 / 09:29 pm IST
Published Date: August 20, 2025 6:49 pm IST
HIGHLIGHTS
  • एग्रीस्टैक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
  • डिजिटल क्रॉप सर्वे के आधार पर खरीदी
  • 10 हजार करोड़ का गड़बड़झाला रुकेगा

रायपुरः Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ में इस साल से धान खरीदी का सिस्टम और भी दुरुस्त होने जा रहा है। सरकार ने धान बुवाई से लेकर धान की बिक्री तक का सिस्टम एग्रीस्टैक से जोड़ दिया है। इसी पोर्टल पर प्रदेश के हर किसान को अपने आधार और मोबाइल नंबर के साथ पूरी जमीन का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसी से डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम पूरा होगा और इसी डाटा के आधार पर धान खरीदी होगी। उम्मीद की जा रही है कि इस सिस्टम से करीब 10 हजार करोड़ के धान के खेल को बंद किया जा सकेगा।

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Dhan Kharidi: धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में धान की पैदावार भी बंपर होती है और इसके उपर सियासत भी। राज्य बनने के बाद साल दर साल धान और किसान का मुद्दा बड़ा होता चला गया। प्रदेश के 80 फीसदी किसान धान उपजाते हैं और हर साल 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की धान सरकार खरीदती है, लेकिन धान खरीदी में एक बड़ा खेल दूसरे राज्यों से धान लाकर यहां खपाने का भी खेला जा रहा है। दरअसल, सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने का ऐलान किया हुआ है, लेकिन प्रदेश के चंद जिलों को छोड़ दें तो बाकी जगहों पर धान की इतनी पैदावार नहीं होती है। ऐसे में धान माफिया पड़ोसी राज्यों से सस्ता धान लाकर यहां उंची कीमत धान खपाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक हर साल 10 हजार करोड़ का ऐसा खेल खेला जा रहा है, लेकिन इस साल शायद ऐसा करना संभव नहीं होगा.इस साल प्रदेश के सभी 33 जिलों के किसानों को एग्रीस्टैक पोर्टल पर अपने आधार और मोबाइल फोन के साथ रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसी के साथ उनके नाम से कहां कहां कितनी जमीन है, उसका पूरा विवरण पोर्टल पर दर्ज हो जाएगा। इनमें से कितने हिस्से पर धान की फसल बोई गई है, इसका डिजिटल क्रॉप सर्वे होगा। जितने रकबे पर धान की फसल लगाई गई पाई जाएगी, उसी के अनुसार वो किसान धान बेच पाएगा।

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किसान और उनकी जमीन की डिजिटल कुंडली तैयार होने के बाद धान खरीदी में होने वाला खेल लगभग बंद हो जाएगा। पिछले साल पायलट प्रोजेक्ट पर ये काम 16 जिलों में हुआ था। इस साल प्रदेश के तमाम जिलों में इसे लागू कर दिया गया है। करीब 70 फीसदी गांवों की जमीन की जियो रेफ्रेंसिंग पूरी हो चुकी है, यानी इनका डिजिटल क्रॉप सर्वे भी हो एग्रीस्टैक पोर्टल पर दर्ज हो जाएगा। जिन जमीनों की जिओ रिफ्रेंस नहीं हुई है, उनका भी डिजिटल क्रॉप सर्वे कर रिकार्ड रखा जाएगा। फिर इसी डाटा के आधार पर किसानों से धान खरीदी की जाएगी। विभागीय अधिकारियों की मानें तो इससे 10 हजार करोड़ रुपये का लूपहोल्स बंद हो जाएगा।

 


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।