कल खरीदी… आज घमासान! धान की लड़ाई अब लिमिट पर आई! विपक्ष के सवालों का सरकार ने दिया ऐसा जवाब
कल खरीदी... आज घमासान! धान की लड़ाई अब लिमिट पर आई! paddy purchase will start in the state from tomorrow
राजेश मिश्रा/रायपुरः कल यानि 1 नवंबर प्रदेश के लिए एक बड़ा और अहम दिन है। राज्य का स्थापना दिवस, राज्योत्सव का आरंभ और साथ ही प्रदेश में धान खरीदी की शुरूआत धान कटोरा कहलाने वाले हमारे प्रदेश में किसान और धान पर सियासत न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। धान खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए। भारतीय जनता पार्टी ने मोर्चा खोल, किसान मोर्चा और सहकारिता प्रकोष्ठ ने किसानों से प्रति एकड़ 15 के बजाए 20 क्विंटल धान खरीदी करने की मांग पर सभी जिलों के कलेक्टर्स और प्रदेश की राज्यपाल को इस ज्ञापन सौंपा है। इधर, कांग्रेस ने इस मांग को कोरी राजनीति करार देते हुए रिकार्ड धान खरीदी का दावा किया और भाजपा को अपने जोड़ का ना होने का तंज कसा है।
एक नवंबर यानी कल से सूबे में धान खरीदी शुरू हो जाएगी, लेकिन उससे पहले ये चार तस्वीरें बता रही है कि..धान खऱीदी के मुद्दे पर धान का कटोरा एक बार फिर उबल रहा है..एक ओर धान खरीदी की तैयारी पूरी बताई जा रही है.. तो कहीं मांगों को लेकर समिति के कर्मचारी हड़ताल पर हैं..एक ओर धान खरीदी की लिमिट बढ़ाने की मांग को लेकर वार-पलटवार जारी है। जी हां.. सरकार की घोषणा के बाद बीजेपी धान खरीदी की लिमिट 15 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ करने की मांग कर रही है। इधर बीजपी सहकारिता प्रकोष्ठ का कहना है कि विपक्ष के दबाव में आकर सरकार ने 1 नवंबर से धान खरीदी की घोषणा तो कर दी लेकिन किसी भी धान खरीदी केंद्र में इसकी कोई तैयारी नहीं है अगर धान खरीदी में अव्यवस्था हुई तो बीजेपी किसान मोर्चा और सहकारिता प्रकोष्ठ संयुक्त रूप से पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ धरना, प्रदर्शन, आंदोलन करेगा ।
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एक और बीजेपी, किसान मोर्चा और सहकारिता प्रकोष्ठ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है..तो दूसरी ओर कई जगह सहकारी समिति के कर्मचारी हड़ताल पर डटे हैं..हालांकि सत्तापक्ष का दावा है कि प्रदेश में धान खरीदी की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. पूरे प्रदेश में एक साथ धान खरीदी की जाएगी..वहीं बीजेपी की लिमिट बढ़ाने की डिमांड को कोरी राजनीति करार दिया..
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कुल मिलाकर 1 नवंबर से पूरे प्रदेश में एक साथ धान की खरीदी शुरू हो रही है , ऐसे में सत्ताधारी दल कांग्रेस की कोशिश होगी कि इसमें किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था ना हो वही बीजेपी इसमें खामी निकालकर इसे चुनावी मुद्दा बनाने में जुटी है..

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