रायपुर: Pushpendra Parihar resigns from Congress लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में लगातार कांग्रेस को झटका पर झटका लग रहा है। लगातार कई बड़े नेता पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र परिहार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र पर भूपेश बघेल पर तानाशाही का आरोप लगाया है।
अपने इस्तीफा पत्र में उन्होंने कहा कि ‘बड़े दुखी मन से मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यापत्र दे रहा हूं। मेरा मन तो पहले से ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तानाशाही रवैया और जनविरोधी नीति से फट गया है। मैंने पूर्व में भी कांग्रेस से त्यागपत्र दिया था, लेकिन पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम जी के समझाने पर पुनः कांग्रेस प्रवेश किया था। लेकिन वर्तमान में कांग्रेस में भूपेश बघेल के द्वारा सभी क्षेत्रों में हस्तक्षेप किया है। अपने चहेतों को पद बाटने और टिकट बांटने के कारण प्रदेश में अपनी मजबूत लॉबी तैयार कर ली है। कांग्रेस में निष्ठावान कार्यकर्ताओं को गुलाम की तरह देखते और व्यवहार करते है, कांग्रेस आलाकमान भी उनके पूर्व के शासन काल में प्रशासन और राजनीतिक में जातिगत भेदभाव को बढाया था, आज भी उनकी यही नीति है। उनके रहते कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में कभी भला नहीं हो सकता है। भूपेश बघेल ने कांग्रेस को हाईजेक कर लिया है। उन्होनें ऐसा वातावरण निर्मित कर दिया है, कि कोई भी उन्हें कहीं से चुनौती नहीं दे सके। भूपेश ने अपने समकाक्षों को किनारे लगा दिया है फिर कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूँ।
Pushpendra Parihar resigns from Congress मैं इस बात से भी व्यथित हूँ कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम जी को भी भूपेश बघेल ने किराने लगा दिया तो फिर सामान्य निष्ठावान कार्यकर्ताओं की क्या स्थिति होगी इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। मैं यहां एक और बात का उल्लेख करना जरूरी समझता हूँ कि भूपेश बघेल का पूरा कार्यकाल भय और भ्रष्टाचार का था जिसका परिणाम सब ने देखां कांग्रेस प्रचंड बहुमत के होते हुए भी सरकार बनाने को तरस गई। भूपेश के ऊपर ईडी की गिरफतारी की तलवार लटकी हुई है। उससे कांग्रेस की छवि सामान्य जनता में गिरी है इससे निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मोह भंग हो गया है वे बडी संख्या में सदस्यता छोड रहे। मैं भी उन्हीं लोगों में एक हू जो यह मानता है कि कम से कम भूपेश के प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कांग्रेस में काबिज होने से जनता का भला नहीं होगा।
मैं अपने सभी सहयोगियों और शुभचिंतकों को हदय से धन्यवाद देता हूँ जिन्होनें जनसेवा के दौरान मुझे सहयोग और समर्थन दिया। इस पत्र के माध्यम से मै पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूँ कृप्या इसे स्वीकार कर मुझे अनग्रहित करें।’