Raigarh News: RTE के तहत 4265 सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया शुरू, शिक्षा विभाग ने की ये खास तैयारियां
RTE के तहत 4265 सीटों पर दाखिले की प्रक्रिया शुरू, शिक्षा विभाग ने की ये खास तैयारियां Admission process started on 4265 seats under RTE
Admission process started on 4265 seats under RTE
रायगढ़। निजी व सरकारी स्कूलों में आरटीई के तहत दाखिले की प्रक्रिया 6 मार्च से शुरु हो गई है। जिले के स्कूलों में इस बार आरटीई कोटे की 4265 सीटों पर दाखिला होगा। खास बात ये है कि सीटें खाली न रहें इसके लिए इस बार प्राचार्यों को नोडल बनाया गया है। प्राचार्यों को आरटीई की सीटों में आसपास के स्कूलों में शत प्रतिशत दाखिला दिलाने की जिम्मेदारी भी दी गई है। इधऱ निजी स्कूल संचालक स्कूलों को मिलने वाली आरटीई की प्रतिभूति राशि अब तक नही मिल पाई है। ऐसे में स्कूल संचालकों में नाराजगी है। निजी स्कूल एसोसिएशन ने लंबित भुगतान को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात भी की है। स्कूलों का कहना है कि उनका दो सालों का भुगतान लंबित है, ऐसे में नए दाखिले में दिक्कतें आएंगी। भुगतान न होने से नाराज कुछ स्कूलों ने अब तक रिक्त सीटों की जानकारी तक नहीं दी है।
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दरअसल रायगढ़ जिले में इस साल आरटीई कोटे की सीटों में तकरीबन 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। जिले में 4265 सीटों पर दाखिला होना है। दाखिले की प्रक्रिया आन लाइन शुरु भी हो गई है। हालांकि जिले में पिछले तीन सालों से आरटीई कोटे की 1500 से अधिक सीटें खाली रह जा रही हैं। साल 2020-21 में कोविड की वजह से तो साल 2022 में आत्मानंद स्कूलों के खुलने की वजह से दाखिला प्रभावित हुआ है। शिक्षा विभाग ने इसे देखते हुए सभी प्राचार्यों को नोडल बनाकर आरक्षित सीटों पर शत प्रतिशत दाखिला दिलाने का निर्देश दिया है, लेकिन इसके बावजूद निजी स्कूल संचालक दाखिले को लेकर नाराज हैं।
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ऐसा इसलिए क्योंकि निजी स्कूलों को आरटीई कोटे में एडमिशन के बदले मिलने वाली दो सालों की प्रतिभूति राशि नहीं मिल पाई है। स्कूलों को तकरीबन 12 करोड़ का भुगतान अटका है। नतीजन कई स्कूलों ने अब तक स्कूलों में उपलब्ध रिक्त सीटों की जानकारी तक विभाग को नहीं दी है। स्कूल संचालकों का कहना है कि निजी स्कूल पहले ही कोविड की मार झेल चुके हैं। ऐसे में आरटीई की राशि का भुगतान न मिलने से स्कूल संचालन में दिक्कतें आ रही हैं। भुगतान को लेकर स्कूलों का प्रतिनिधि मंडल जिला प्रशासन से मुलाकात भी कर चुका है, लेकिन अब तक कोई राहत नही मिल पाई है। स्कूल संचालकों का तो यहां तक कहना है कि अगर भुगतान नहीं मिलता है तो कई स्कूलों के संचालन में दिक्कतें आएगी।

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