Baghel and Company Scam News: बघेल एंड कंपनी..घोटाले की कुंडली! जानिए कहां-कहां से आता था कैश का बंडल और कौन है वो शख्स जो खोल रहा बघेल की पोल

Baghel and Company Scam News: बघेल एंड कंपनी..घोटाले की कुंडली! जानिए कहां-कहां से आता था कैश का बंडल और कौन है वो शख्स जो खोल रहा बघेल की पोल

Baghel and Company Scam News: बघेल एंड कंपनी..घोटाले की कुंडली! जानिए कहां-कहां से आता था कैश का बंडल और कौन है वो शख्स जो खोल रहा बघेल की पोल

Baghel and Company Scam News: बघेल एंड कंपनी..घोटाले की कुंडली! Image Source: IBC24

Modified Date: July 20, 2025 / 11:58 am IST
Published Date: July 20, 2025 11:58 am IST
HIGHLIGHTS
  • चैतन्य बघेल की फर्म को शराब घोटाले से जुड़ी 5 करोड़ की रकम मिली थी
  • विट्ठल ग्रीन परियोजना में 15 करोड़ की लागत को कागजों में 7.14 करोड़ बताया गया
  • पप्पू बंसल, अनवर ढेबर और अन्य व्यापारियों के साथ मिलकर बने पूरे नेटवर्क की ईडी कर रही जांच

रायपुर: Baghel and Company Scam News: बघेल एंड कंपनी..घोटाले की कुंडली! जानिए कहां-कहां से आता था कैश का बंडल और कौन है वो शख्स जो खोल रहा बघेल की पोल पूर्व सीएम के बेटे की गिरफ्तारी के बाद पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन कर रही है। लेकिन पूर्व सीएम के बेटे तक पहुंचने के लिए ईडी ने कई महीने तक फील्डिंग की। पहले से पकड़े गए लोगों से पूछताछ और जांच के दौरान लिंक मिले उसे जोड़कर ईडी चैतन्य बघेल तक पहुंची।

Read More: Korba Viral Video: मॉल में रईसजादों की रंगीन रातें! अय्याशी का वीडियो हुआ वायरल, नशे में धुत दिखें सुरक्षाकर्मी

Baghel and Company Scam News: बघेल एंड कंपनी..घोटाले की कुंडली! जानिए कहां-कहां से आता था कैश का बंडल और कौन है वो शख्स जो खोल रहा बघेल की पोल सूत्र बताते हैं कि चैतन्य बघेल की दो फर्मों को एक कारोबारी से 5 करोड़ रुपए मिले। ये राशि शराब घोटाले से मिले नकदी के बदले हस्तांतरित की गई है। चैतन्य बघेल ने इस भुगतान पर कोई ब्याज भी नहीं दिया। वहीं, 5 करोड़ में से 4.5 करोड़ रुपए अभी भी आरईसी पुनर्भुगतान के लिए लंबित है। पप्पू बंसल ने ED से इसकी पुष्टि की है। शराब घोटाले का बड़ा हिस्सा पप्पू बंसल को सौंपा जा रहा था।
पप्पू बंसल ने स्वीकार किया है कि उसने चैतन्य बघेल के साथ मिलकर शराब घोटाले की 1000 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी संभाली थी। पप्पू बंसल ने पूछताछ में ये भी स्वीकार किया कि उसे 3 महीने में 136 करोड़ रुपए मिले। पप्पू बंसल ने 80-100 करोड़ रुपए नकद चैतन्य बघेल के निर्देश पर केके श्रीवास्तव को सौंपे। अनवर ढेबर और नितेश पुरोहित के बीच फोन पर बातचीत में भी इस पर चर्चा हुई थी। दीपेन चावड़ा के माध्यम से अनवर ढेबर से ये राशि जमा करते थे।

 ⁠

शराब के साथ ही प्रॉपर्टी के कारोबार में भी हेरफेर का मामला सामने आया है। जिसमें चैतन्य बघेल के स्वामित्व वाली मेसर्स बघेल डेवलपर्स पर कई आरोप लगे। बघेल डेवलपर्स की विट्ठल ग्रीन परियोजना में वित्तिय गड़बड़ियां पाई गईं, परियोजना की कुल लागत को कागजों में कम दिखाया गया। 13 से 15 करोड़ की लागत को कागजों में 7 करोड़ 14 लाख बताया गया और निर्माण कंपनी को बघेल डेवलपर्स ने केवल 2.62 करोड़ का भुगतान किया। जबकि आईकास्ट ने 4.20 करोड़ का नगद भुगतान किया गया। चैतन्य बघेल के कई करीबी सहयोगियों ने उक्त परियोजना में निवेश किया। वहीं, एक कारोबारी ने 80 लाख रुपये मूल्य के 6 प्लॉट में निवेश किया, जिससे चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की आपराधिक आय हुई। 1000 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन में भी भूमिका चैतन्य ने आपराधिक आय के वास्तविक स्रोत को परियोजना में शामिल कर छिपाया।

Read More: Son of Sardaar 2 Postponed: टल गई ‘Son of Sardaar 2’ की रिलीज डेट, जानें किस दिन बड़े पर्दे पर देगी दस्तक 

पप्पू बंसल, अनवर ढेबर, दीपेंद्र और केके श्रीवास्तव और रामगोपाल अग्रवाल से चैतन्य के व्यापारिक कनेक्शन की जांच ED कर रही है। इस पूरे कॉकस ने मिलकर काले कारोबार का कितना बड़ा नेटवर्क खड़ा किया। इसके और कितने मोहरे हैं, ये सभी अब चैतन्य बघेल से पूछताछ के बाद सामने आ सकता है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"