CG Ki Baat/ Image Source: IBC24
CG Ki Baat: रायपुर। छत्तीसगढ़ के शहर समेत राजधानी में सियासी प्रदर्शनों का उबाल दिखा..कांग्रेस ईडी की कार्रवाइयों के खिलाफ हल्ला बोलती नजर आई तो भारतीय जनता युवा मोर्चा ने नेशनल हेराल्ड केस को लेकर प्रदर्शन किया..रायपुर में इसी दौरान दोनों ही दलों के बीच टकराव की भी स्थिति दिखी..इस टकराव और प्रदर्शन के मायने क्या हैं..हल्लाबोल के पीछे के सियासी गणित पर हमारी आज की बहस।
दिल्ली में ED ने करप्शन से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में गांधी परिवार पर शिकंजा कस दिया है। 2012 से चल रहे नेशनल हेराल्ड केस में, ED ने दिल्ली की राउज ऐवेन्यू कोर्ट में, 15 अप्रैल को जो चार्जशीट पेश की उसमें सोनिया राहुल गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के नाम हैं। अदालत चार्जशीट पर इसी महीने 25 अप्रैल को संज्ञान लेगी। दूसरी तरफ गुरूग्राम लैंड स्कैम केस में गांधी परिवार के दामाद, प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को ED ने पूछताछ का समन देकर बुलाया जो बीते 3 दिनों से घंटों ED दफ्तर में पेश हो रहे हैं।
कांग्रेस का आरोप है कि ये सब कांग्रेस को बदनाम कर, बड़े नेताओं की फंसाने-डराने की साजिश है। कांग्रेस का आरोप है कि ED, बीजेपी का सियासी हथियार बन चुकी है। कांग्रेस ने दो दिनों से देश-प्रदेश में ED के खिलाफ प्रदर्शन किया है..तो अब बीजेपी की यूथ विंग ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने X-पोस्ट कर कांग्रेस को करप्शन की पर्यायवाची बताते हुए घेरा तो कांग्रेसियों ने आक्रामक अंदाज में ED के बहाने बीजेपी को कांग्रेस नेताओं से डरी-सहमी, बदले की छद्म पॉलिटिक्स करने वाली पार्टी करार दिया है। सवाल ये है कि, क्या वाकई जांच ऐजेंसी ED को सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है या कांग्रेस अपनी पार्टी के सबसे बड़े परिवार को बचाने सड़क पर पसीना बहा रही है?