CG Electricity Rate Hike: छत्तीसगढ़ के लोगों को फिर लगेगा झटका, इतने रुपए महंगी हो सकती है बिजली, जानिए क्या है वजह..?

छत्तीसगढ़ के लोगों को फिर लगेगा झटका, People of Chhattisgarh will be shocked again, electricity may become costlier by this much rupees

  • Reported By: Star Jain

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  • Publish Date - April 18, 2025 / 06:45 PM IST,
    Updated On - April 18, 2025 / 07:55 PM IST

CG Electricity Rate Hike. Image Soruce- IBC24

रायपुरः CG Electricity Rate Hike छत्तीसगढ़ में बिजली कंपनियों ने सभी उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरु कर दिया है। इसके लिए बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग से 367 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि की मांग भी की है। ऐसे में ये आशंका जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ में बिजली 7 से 8 पैसे प्रति यूनिट महंगी हो सकती है।

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CG Electricity Rate Hike दरअसल इन दिनों छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में लगे स्मार्ट मीटरों से रिप्लेस किया जा रहा है। अभी तक छत्तीसगढ़ के लगभग 12 से 13 लाख उपभोक्ताओं के यहां नए प्रीपेड मीटर लग गए है और जुलाई 2026 तक बिजली कंपनी ने सभी उपभोक्ताओं के यहां लगाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन इन मीटरों को लगाए जाने के साथ ही कई शंकाएं और सवाल खड़े हो गए है। दरअसल, बिजली कंपनी ने नियामक आयोग के पास नए टैरिफ के लिए पिटिशन फाईल की है, जिसमें इन प्रीपेड मीटर के लिए 367 करोड़ रुपए अतिरिक्त मांगे है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है मीटर का किराया लगभग 80 रुपए आएगा। उसकी पूर्ति के लिए अतिरिक्त राशि मांगी गई है।

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बिजली नियामक आयोग बिजली कंपनी के मांग अनुसार बिजली की टैरिफ तय करता है।ऐसे में नए प्रीपेड मीटर पर खर्च होने वाली राशि टैरिफ से ही वसूली जाएगी। इससे टैरिफ पर लगभग 5 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी का अनुमान है। प्रीपेड स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी पर लगाम लगेगी… साथ ही बिजली कंपनी के पास एडवांस में पैसे भी होंगे और लोन नहीं लेना पड़ेगा, जिससे ब्याज की राशि बचेगी। इन सब के बाद भी बिजली कंपनी ने प्रीपेड मीटर के लिए 367 करोड़ रुपए का खर्च बताया है। जो की प्रीपेड मीटर के नाम पर एक बड़े स्कैम की ओर इशारा कर रहा है, जिसका खामियाजा शायद आम जनता को ही भुगतना पड़ेगा।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर क्या होता है?

यह एक डिजिटल मीटर होता है जिसमें उपभोक्ता पहले से रिचार्ज करके बिजली का उपयोग करते हैं। यह मीटर रीयल टाइम में खपत दिखाता है और बिजली चोरी की संभावनाएं कम हो जाती हैं।

क्या स्मार्ट मीटर लगवाना अनिवार्य है?

हाँ, छत्तीसगढ़ सरकार और बिजली कंपनियों ने इसे सभी उपभोक्ताओं के लिए अनिवार्य कर दिया है, और 2026 तक सभी घरों में इसे लगाने का लक्ष्य है।

क्या स्मार्ट मीटर से बिजली महंगी हो जाएगी?

संभावना है कि बिजली की दरों में 5 से 8 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हो सकती है, क्योंकि कंपनी ने मीटर के लिए 367 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च की मांग की है।

उपभोक्ताओं को कितना किराया देना होगा?

बिजली कंपनी के अनुसार, प्रत्येक उपभोक्ता को लगभग 80 रुपये प्रति मीटर मासिक किराया देना पड़ सकता है।

क्या स्मार्ट मीटर सुरक्षित और लाभकारी हैं?

सैद्धांतिक रूप से, ये मीटर अधिक पारदर्शिता, सटीक बिलिंग, और बिजली चोरी रोकने में मदद करते हैं। लेकिन इसके खर्च और क्रियान्वयन प्रक्रिया को लेकर पारदर्शिता जरूरी है।