Chhattisgarh News: करमा तिहार में शामिल हुईं मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, पारंपरिक गीतों और नृत्यों की छटा का लिया आनंद, बढ़ाया ग्रामीणों का उत्साह

Chhattisgarh News: करमा तिहार में शामिल हुईं मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, पारंपरिक गीतों और नृत्यों की छटा का लिया आनंद, बढ़ाया ग्रामीणों का उत्साह

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  • Publish Date - September 7, 2025 / 02:44 PM IST,
    Updated On - September 7, 2025 / 02:44 PM IST

Chhattisgarh News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • सांस्कृतिक रंग में रंगा करमा तिहार,
  • करमा तिहार में शामिल हुईं मंत्री राजवाड़े,
  • लोकनृत्य और गीतों से गूंजा गांव,

रायपुर: Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकपरंपराओं और जनभावनाओं से जुड़े करमा तिहार पर्व का आयोजन सूरजपुर जिले के ग्राम पंचायत संबलपुर में हर्षाेल्लास और पारंपरिक रंग-रस के साथ किया गया। इस अवसर पर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं।

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Chhattisgarh News: मंत्री राजवाड़े ने क्षेत्रवासियों संग करमा पर्व के पारंपरिक गीतों और नृत्यों की छटा का आनंद लिया और ग्रामीणों को करमा तिहार की बधाई दी। उन्होंने कहा कि करमा तिहार भाईचारे, सामूहिकता और श्रम संस्कृति का पर्व है, जो हमारी ग्रामीण परंपराओं और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं, युवाओं और बच्चों को अपने सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण के लिए प्रेरित किया।

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Chhattisgarh News: कार्यक्रम के दौरान संबलपुर और आसपास के गांवों के कलाकारों द्वारा करमा नृत्य, पारंपरिक गीत और लोककला की प्रस्तुतियां दी गईं, जिनसे वातावरण उल्लास और उत्सव की भावना से सराबोर हो गया। ग्रामीणजनों ने मंत्री राजवाड़े का पारंपरिक स्वागत किया और कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

"करमा तिहार" क्या है और यह क्यों मनाया जाता है?

A1: करमा तिहार छत्तीसगढ़ की एक पारंपरिक लोक पर्व है जो भाईचारे, फसल, श्रम और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

"करमा तिहार संबलपुर" में किस मंत्री ने शिरकत की?

A2: महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं।

"करमा तिहार" में कौन-कौन सी सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं?

A3: करमा नृत्य, पारंपरिक लोकगीत, वाद्य यंत्रों की धुन और ग्रामीण लोककला की प्रस्तुतियां होती हैं।

"सूरजपुर के संबलपुर" में यह पर्व किस प्रकार मनाया गया?

A4: पारंपरिक गीत-संगीत, नृत्य और ग्रामीण सहभागिता के साथ हर्षोल्लास में यह पर्व मनाया गया।

"करमा तिहार" का युवाओं के लिए क्या संदेश है?

A5: यह पर्व युवाओं को अपनी जड़ों और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने और उसे संरक्षित रखने की प्रेरणा देता है।