CG News: छत्तीसगढ़ में SIR की निगरानी के लिए कांग्रेस ने बनाई नई मॉनिटरिंग कमेटी, हर लोकसभा में एक नेता को मिली जिम्मेदारी..देखें सूची
SIR in Chhattisgarh: जारी सूची में पूर्व मंत्री मोहन मरकाम समिति के संयोजक बनाए गए हैं। वहीं धनेंद्र साहू और रविंद्र चौबे सह संयोजक होंगे। इनके अलावा हर संसदीय क्षेत्र से एक नेता को ज़िम्मेदारी मिली है।
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- मोहन मरकाम समिति के संयोजक बनाए गए
- धनेंद्र साहू और रविंद्र चौबे सह संयोजक
- SIR अभियान की निगरानी और समन्वय का काम करेगी समिति
रायपुर: CG News, एआईसीसी के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में एसआईआर को लेकर नई निगरानी समिति बना दी गई है। छत्तीसगढ़ में जारी SIR अभियान की कांग्रेस पार्टी संसदीय क्षेत्रवार मॉनिटरिंग करेगी। जारी सूची में पूर्व मंत्री मोहन मरकाम समिति के संयोजक बनाए गए हैं। वहीं धनेंद्र साहू और रविंद्र चौबे सह संयोजक होंगे। इनके अलावा हर संसदीय क्षेत्र से एक नेता को ज़िम्मेदारी मिली है।
देवेंद्र यादव बिलासपुर क्षेत्र के प्रभारी
CG Sir News, जारी सूची के अनुसार उमेश पटेल रायगढ़, देवेंद्र यादव बिलासपुर क्षेत्र के प्रभारी होंगे। इसी प्रकार मोहम्मद अकबर राजनांदगांव और राजेंद्र साहू दुर्ग के प्रभारी, जयसिंह अग्रवाल कोरबा, शफी अहमद सरगुजा क्षेत्र देखेंगे। शैलेश नितिन त्रिवेदी रायपुर और तारिणी चंद्राकर को महासमुंद की जिम्मेदारी दी गई है। रेखचंद जैन बस्तर और वीरेश ठाकुर कांकेर के प्रभारी बनाए गए है। समिति SIR अभियान की निगरानी और समन्वय का काम करेगी।
पूरी सूची आप नीचे देख सकते हैं

छत्तीसगढ़ में एसआईआर को लेकर राजनीति गर्म
बता दें कि छत्तीसगढ़ में एसआईआर को लेकर राजनीति गरमा रही है। आज पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी कर वोट चोरी कर भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई है। SIR को लेकर भी उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि इसमें पारदर्शिता बरतनी चाहिए और इसकी अवधि बढ़ाई जानी चाहिए ।
दीपक बैज ने कहा कि चुनाव आयोग 12 राज्यों में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्य शुरू कर चुका है। हमारी मांग इस काम के द्वारा दस्तावेज जमा करने और सत्यापन के लिए मतदाता को दी जा रही। समय सीमा 1 माह अपर्याप्त है। वर्तमान में राज्य में धान कटाई का समय चल रहा उसके बाद धान बेचने किसानों को सोसायटी में जाना पड़ता है, अतः यह समय बढ़ाना आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जहां चुनाव में पर्याप्त 3 साल का समय है, वहां यह जल्द बाजी क्यों? अतः इस समय सीमा को बढ़ा कर न्यूनतम तीन माह किया जाय ताकि कोई छूटे नहीं। हमारी यह भी मांग है कि बीएलओ जब मतदाता के घर जाए तो वह मतदाता से उनके घर आने का पुष्टि प्रमाण पत्र हासिल करे, ताकि यह सुनिश्चित हो कि बीएलओ ने एक जगह बैठ कर फर्जी तरीके से पुनरीक्षण नहीं किया।
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