रायपुर। CG Ki Baat: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान अब कभी भी हो सकता है, आरक्षण प्रक्रिया पूरी कर लेने के साथ ही अब तैयारी है EVM से निकाय चुनाव कराने की, लेकिन सरकार की तैयारी पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। आपत्ति जताई है, EVM के बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है। क्या है विपभ की आपत्ति की वजह, कितना दम है विपक्ष के आरोपों में, कितने दमदार हैं सत्तापक्ष के तर्क।
छत्तीसढ़ के कुल 192 नगरीय निकाय हैं, जिनमें से 167 निकायों में चुनाव होने हैं वो भी दो 2 महीने के भीतर चुनाव के लिए महापौर और अध्यक्ष पदों की आरक्षण प्रक्रिया पूरी की हो चुकी है। मतदाता सूचि पुनरीक्षण का काम जारी है, इंतजार है तो बस राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव तारीखों के ऐलान का। बड़ी खबर ये है कि अबकी बार छत्तीसगढ में नगरीय निकायों का चुनाव EVM से कराने की तैयारी है। गुरूवार को वीडियो कांफ्रेस कर, राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को EVM से चुनाव कराने की तैयारी का निर्देश दिया। प्रदेश के डिप्टी CM और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव का कहना है कि निकायों चुनाव EVM से ही हो, इसका प्रयास जारी है।
CG Ki Baat: इधर, EVM से निकाय चुनावों कराने की तैयारी पर विपक्ष बिफर गया है। कांग्रेस का आरोप है कि, EVM से छेड़छाड़ किए बिना बीजेपी चुनाव जीत ही नहीं सकती। कांग्रेस की मांग है कि चुनाव बैलेट पेपर से ही कराए जाएं। छत्तीसगढ में 192 नगरीय निकायों में, 167 में चुनाव होना है, जिसमें 10 नगर निगम, 49 नगरपालिका और 118 नगर पंचायतें हैं। दोनों पार्टियां, जनता को लुभाने, अपने पाले में लाने के लिए जीजान लगा रहीं हैं। सवाल है क्या EVM पर छिड़ा संग्राम जायज है, विपक्ष का सत्ता पक्ष पर भय या प्लानिंग के तहत EVM से चुनाव कराने का आरोप कितना जायज है ?
Follow us on your favorite platform:
Mann Ki Baat: सीएम साय ने कैबिनेट के सदस्यों के…
2 hours ago