पूर्व IAS निर्मला बुच का निधन: कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई में निभाई थी बड़ी भूमिका, राज्य में भी शोक की लहर

पूर्व IAS निर्मला बुच का निधन: कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई में निभाई थी बड़ी भूमिका, राज्य में भी शोक की लहर

Former IAS officer Nirmala Buch passed away

Modified Date: July 9, 2023 / 07:05 pm IST
Published Date: July 9, 2023 7:04 pm IST

रायपुर: मध्यप्रदेश राज्य की प्रथम और एकमात्र महिला मुख्य सचिव, पूर्व आईएस अधिकारी निर्मला बुच का निधन हो गया हैं। वे 97 वर्ष की थी और बढ़ती उम्र सम्बन्धी शिकायतों से जूझ रही थी। उनका उपचार चल रहा था। (Former IAS officer Nirmala Buch passed away) 1960 बैच की भाप्रसे अफसर रही निर्मला बुच बेहद संवेदनशील अफसर थी। उन्होंने राज्य समेत केंद्र में भी विभिन्न पदों पर काम किया। उनके पति नीलकंठ बुच भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके है।

निर्मला बुच 1961 से लेकर 1993 तक मध्य प्रदेश सरकार और भारत सरकार में विभिन्न विभागों में तैनात रही। वे जब देवास जिले की कलेक्टर थी तब उन्होंने प्रेम विवाह किया था। उनका विवाह तब के उज्जैन कलेक्टर नीलकंठ बुच से हुई थी। नीलकंठ बुच को भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था। एमपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने मुख्यमंत्री बनने पर निर्मला बुच को अपना सलाहकार नियुक्त किया था। निर्मला बुच के निधन से प्रशासनिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

जल्द ही निपटा ले बैंक से संबंधित काम, इतने दिन बंद रहेंगे बैंक, घर से निकलने से पहले चेक करें छुट्टियों की लिस्ट

 ⁠

लेकिन इन सबके बीच आज निर्मला बुच को छत्तीसगढ़ में भी याद किया जा रहा है। निर्मला बुच एक दौर में प्रदेश सरकार की मदद के लिए सामने आई थी। उन्हें सरकार अपना संकटमोचक भी मानती है।

दरअसल निर्मला बुच उस वक़्त सुर्ख़ियों में आई थी जब सुकमा जिले के कलेक्टर रहे एलेक्स पॉल मेनन का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था। यह साल था 2012। अपहरण के बाद नक्सलियों और सरकार के बीच वार्ता हुई। नक्सलियों की मांग पर सरकार ने वार्ता के लिए मध्यस्थों की नियुक्ति की थी। (Former IAS officer Nirmala Buch passed away) तब डॉ रमन सिंह की सरकार की तरफ से निर्मला बुच और पूर्व मुख्य सचिव एसके मिश्रा को मध्यस्थ बनाया गया जबकि नक्सलियों की ओर से पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बीडी शर्मा और हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हरगोपाल ने मध्यस्थता की थी।

इस वार्ता का नतीजा यह निकला की माओवादियों ने कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन को सकुशल रिहा कर दिया। हालाँकि अगवा करने के दौरान माओवादियों ने मेनन के सुरक्षाकर्मी की हत्या कर दी थी।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें 


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown