रायपुर: Renuka Singh Will Be Next CM of Chhattisgarh? मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में CM कौन होगा? इसे लेकर बीजेपी हाईकमान फिलहाल मौन है, लेकिन कयास लगने लगे हैं कि सोमवार को इसका जवाब मिल जाए। दरअसल गुरुवार को पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बीच हुई बातचीत के बाद शुक्रवार को बीजेपी ने मुख्यमंत्री चुनने के लिए पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान कर दिया। रायपुर में रविवार को छत्तीसगढ़ BJP विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, तो वहीं भोपाल में सोमवार को एमपी BJP विधायक दल की बैठक होगी। विधायक दल की बैठक के बाद पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेगे।
Renuka Singh Will Be Next CM of Chhattisgarh? रायपुर, भोपाल से लेकर जयपुर तक पिछले पांच दिन से बस एक ही सवाल सब पूछ रहे हैं। दिल्ली में मेल-मुलाकातों का दौर चलने के बाद भी इस सस्पेंस से पर्दा नहीं उठ पाया है कि सीएम फेस कौन होगा? 3 दिसंबर को तीन राज्यों में प्रचंड जीत के बाद 5 दिन बाद भी पार्टी हाईकमान इसे सुलझाने में जुटी है। इस बीच पार्टी ने तीनों राज्यों के लिए तीन-तीन पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं। बीजेपी इन्हीं पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर नाम तय करेगी।
मध्यप्रदेश के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ के लक्ष्मण औऱ बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा को पर्यवेक्षक बनाया गया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल और बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम को पर्यवेक्षक बनाया गया है। राजस्थान के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को ऑब्जर्वर बनाया गया है। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के बाद ये माना जा रहा है कि एक-दो दिन में सीएम पर बना सस्पेंस खत्म हो जाएगा।
जाहिर है बीजेपी में विधायक दल की बैठक में तय होता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा? ऐसे में तीनों राज्य में चुने गए बीजेपी पर्यवेक्षक सभी नव निर्वाचित विधायकों के साथ मीटिंग करेंगे। सीएम पद के लिए जो संभावित नाम है पर्यवेक्षक उन नामों पर विधायकों से चर्चा करेंगे। फिर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे। बहरहाल पर्यवेक्षकों के नाम सामने आते ही एक बार फिर सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री के संभावित नाम की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। बड़ा सवाल यही है कि पार्टी इस बार पुराने चेहरे को तरजीह देती है या नए चेहरे पर दांव खेलेगी?