शह मात The Big Debate: ‘धर्मांतरण पर लगे प्रतिबंध’.. मांग, विरोध, बंद! छत्तीसगढ़ में हिंदू संगठनों का उग्र प्रदर्शन, कांकेर में अब भी क्यों नहीं थम रही हिंसा और तनाव
'धर्मांतरण पर लगे प्रतिबंध'.. मांग, विरोध, बंद! Religious Conversion in Chhattisgarh: Violent protests by Hindu organizations in Chhattisgarh
Conversion in Chhattisgarh. Image Source- IBC24
रायपुरः Conversion in Chhattisgarh बीते दिनों से बस्तर में आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण का खेल ऐसे अंदाज में खेला गया कि पूरा क्षेत्र वर्ग संघर्ष की आग में झुलसने लगा है। लोग इस कदर नाराज हैं कि कन्वर्टेड लोगों के घर जलाए जा रहे हैं। नफरत इतनी की अब तो बच्चों को सैंट क्लॉज बनाने का, क्रिसमस ट्री सजाने का खुलकर या चेताते हुए विरोध हो रहा है। सवाल ये है कि ये सिलसिला अचानक बढ़ गया क्या? क्या और कौन सा उपाय इसे रोक पाएगा?
Conversion in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में बंद की खबरों से साफ है कि साल के सबसे सर्द दिनों में धर्मांतरण विरोध की आग से माहौल गर्माया हुआ है। दरअसल- बीते दिनों कांकेर जिले के अमाबेड़ा में हुई हिंसा और धर्म परिवर्तन के विरोध में कई सामाजिक संगठनों ने छत्तीसगढ़ बंद बुलाया, जिसका पूरे प्रदेश में गहरा असर दिया…हिंदू संगठनों के बंद को RSS, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स समेत कई व्यापारिक, सामाजिक-धार्मिक संगठनों का समर्थन मिला। बंद के दौरान राजधानी के मैग्नेटो मॉल में क्रिसमस पर की सजावट पर भड़के प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़-फोड़ की। वहीं कांकेर के आमाबेड़ा में ग्रामीणों ने एक धर्मांतरित महिला का घर तोड़ दिया गया तो भानुप्रतापपुर जिले में, 19 धर्माांतरित लोगों ने हिंदू रीति-रिवाज से पूजा-पाठ कर सनातन धर्म में वापसी की। वहीं मसीह समाज के संरक्षक डॉ प्रदीप क्लाडिस ने ऐलान किया कि अब से किसी भी धर्मांतरित मृत का शव दफनाया नहीं जाएगा। प्रशासन को सौंप दिया जाएगा ताकि कोई विवाद ना बने।
वहीं मसले पर सियासत भी जारी है, बीजेपी नेताओं ने बंद का समर्थन करते हुए कांग्रेस को कनवर्जन माफिय़ा की संरक्षक बताया तो कांग्रेस से मौजूदा बीजेपी सरकार को धर्मांतरण को रोक पाने में पूरी नाकाम बताया। कुल मिलाकर झगड़ा है भय या लालच के जाल में फांसकर लोगों धर्म बदलवाना वो भी बल्क में। नतीजा गांव-गांव में वर्ग संघर्श के हालात बन रहे हैं। बीजेपी की लंबे समय से दलील है कि इसके लिए जल्द सख्त कानून लाया जाएगा पर सवाल अब ये है कि क्या ये महज कानून बन जाने से रूक जाएगा या बात इससे आगे निकल चुकी है, कम से कम समाज का गुस्सा तो यही इशारा कर रहा है।

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