Conversion in CG: ‘अधिकारियों के सरंक्षण में हो रहा धर्म परिवर्तन, SDM ने चंगाई का दिया परमिशन’.. बलरामपुर धर्मांतरण को लेकर भाजपा नेताओं ने खोला मोर्चा
'अधिकारियों के सरंक्षण में हो रहा धर्म परिवर्तन, SDM ने चंगाई का दिया परमिशन'.. Religious conversion is happening under the protection of officials, SDM gave permission for healing
Conversion in Bilaspur | Source : File Photo
- SDM ने दी धर्मांतरण सभा की अनुमति, जिसकी आड़ में धर्मांतरण का खेल चल रहा है।
- तहसीलदार ने पंचनामा बनाने से किया इंकार, प्रशासनिक कार्यवाही में अधिकारीयों की लापरवाही पर सवाल।
- भाजपा और आरएसएस ने सांसद- विधायक से शिकायत की, सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग।
बलरामपुरः Conversion in CG: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के राजपुर में धर्मांतरण के चल रहे मामले में एक नया मोड़ सामने आया है और भाजपा के मंडल अध्यक्ष व आरएसएस के नेताओं ने सरकारी अधिकारियों पर इसे शह देने का आरोप लगाया है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि एसडीएम ने ईसाई समुदाय को सभा करने की परमिशन दी थी और उसी की आड़ में धर्मांतरण का खेल चल रहा था। उन्होंने इस मामले की शिकायत सरगुजा सांसद एवं विधायक से भी की है।
Conversion in CG: ग्राम बैढ़ी में परसों बेक नाम के व्यक्ति के घर के बाहर धर्मांतरण का खेल चल रहा था, जिसमें लगभग 200 ग्रामीणों को बुलाया गया था और उन्हें प्रलोभन दिया जा रहा था। इस मामले में पुलिस की टीम ने संदीप भगत और परसों बैक नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। आज इस पूरे मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। भाजपा के मंडल अध्यक्ष सहित अन्य नेताओं ने एसडीएम द्वारा दी गई परमिशन की कॉपी दिखाते हुए कहा कि बड़े विभागीय अधिकारी की सहमति से धर्मांतरण का यह खेल चल रहा है। उन्होंने कहा कि जहां ईसाई समुदाय के सभा करने की अनुमति एसडीएम ने दिया था, वहां एक भी ईसाई समुदाय के लोग निवास नहीं करते हैं। वहां इस सभा की आड़ में धर्मांतरण का खेल खुलेआम किया जा रहा था।
नगर पंचायत राजपुर के अध्यक्ष एवं आरएसएस के ग्राम विकास के जिला सहसंयोजक धर्म सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एसडीएम के साथ तहसीलदार की भी इसमें संलिप्तता है, क्योंकि जब प्रशासन के टीम कार्रवाई करने गई थी तो तहसीलदार ने इस घटनाक्रम का पंचनामा बनाने से इनकार कर दिया था। इसके लिए भाजपा नेताओं एवं आरएसएस संघ के नेताओं ने एक गोपनीय बैठक भी की है और इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संसद एवं विधायक शिकायत भी की है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों को शासकीय कम से मतलब नहीं है बल्कि दूसरे कामों में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

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