RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सरगुजा में आम जनसभा को किया संबोधित, कहा- ‘संघ महत्वाकांक्षा नहीं रखता, सिर्फ सेवा करता है’

RSS Chief Mohan Bhagwat Cg Visit: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पथ संचलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सरगुजा पहुंचे। जहां उन्होंने आम जनसभा को भी संबोधित किया।

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 PM IST
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Published Date: November 15, 2022 6:16 pm IST
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सरगुजा में आम जनसभा को किया संबोधित, कहा- ‘संघ महत्वाकांक्षा नहीं रखता, सिर्फ सेवा करता है’

RSS Chief Mohan Bhagwat Cg Visit: अंबिकापुर। RSS प्रमुख मोहन भागवत छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। उन्होंने सोमवार को जशपुर पहुंचकर स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण किया। जिसके बाद आज वह सड़क मार्ग से ही सरगुजा पहुंचे। जहां वे आरएसएस के पथ संचलन कार्यक्रम में शामिल हुए और आम सभा को संबोधित भी किया। यहां कुल 5 जिलों के आरएसएस कार्यकर्ताओं ने पथ संचलन किया। संघ प्रमुख के इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल भी उपस्थित रहे। गौरतलब है कि ये संघ प्रमुख मोहन भागवत का राज्य से भाजपा की सरकार जाने के बाद लगातार तीसरा दौरा है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत के संबोधन की मुख्य बातें

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पीजी कॉलेज ग्राउंड में आम जन सभा को संबोधित किया जिसमें उन्होंने अपने भाषण में कहा कि संघ एक ऐसी विचारधारा के तहत काम करता है जिसमें कोई महत्वकांक्षा नहीं होती और सिर्फ सेवा इसका धर्म होता है। भागवत ने आगे अपने संबोधन में कहा कि सभी को समाज के लिए काम करना चाहिए और समाज के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए। कभी भी समाज के विरुद्ध कोई भी काम नहीं करना चाहिए।

अपने संबोधन में भागवत ने हिंदू समाज के ऊपर भी अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदू कोई पंथ नहीं है यह एक जीवन शैली है। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है। साथ ही कहा कि जब भी देश पर कोई भी संकट आती है सब एक हो जाते हैं यह भारत की ताकत है।

भागवत ने RSS के बारे में लोगों को समझाते हुए कहा कि संघ को दूर से मत देखिए और स्वयंसेवक बनिए। शाखा में आकर अपने व्यक्तित्व को देश के लिए उपयोगी बनाइए। आगे उन्होंने कहा कि अपनी क्षमता, योग्यता, रुचि के अनुसार कोई काम चुनिए और अपना तन, मन, धन देकर रोज समय दीजिए और देश को वैभव संपन्न, सामर्थ संपन्न बनाने के दिशा में सब काम करें।

संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में सभी धर्मों को समान संदेश बताते हुए कहा कि हमारे देश के सभी धर्म सबमें ईश्वर देखते हैं, कर्मकांड, दर्शन अलग हो सकता है, लेकिन संदेश एक ही है प्रेम से रहो, सेवा करो। इसमें सबके नजरिए जरूर अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हैं सब एक ही। अंत में मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि मेरा आह्वान है कि आप सब संघ से जुड़कर काम करिए।

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